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इमरान खान ने कहा- 'मेरा जमीर इजराइल को कभी स्वीकार नहीं कर सकता, इंसान अल्लाह को जवाबदेह है'

By पल्लवी कुमारी | Updated: August 19, 2020 13:54 IST

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल के बीच राजनयिक स्थापित करने की घोषणा 13 अगस्त 2020 को हुई। अमेरिका की मध्यस्थता में हुए समझौते के तहत इजराइल ने पश्चिमी तट के इलाकों पर कब्जा करने की अपनी विवादित योजना स्थगित कर दी है। इस इलाके पर फलस्तीन अपना दावा करता है।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने यह टिप्पणी इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच ऐतिहासिक समझौते के संदर्भ में की।इमरान खान ने कहा, जब इजराइल और फलस्तीन की बात करते हैं, तो हमें ये भी सोचना चाहिए कि हम अल्लाह को क्या जवाब देंगे।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इजराइल के साथ द्विपक्षीय रिश्ते स्थापित करने की किसी भी संभावना से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। पीएम इमरान खान ने कहा, पाकिस्तान के संस्थापक कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने यह स्पष्ट कर दिया था कि जब तक फिलिस्तीनियों को उनके उचित अधिकार नहीं मिल जाते, वे इजरायल को स्वीकार नहीं करें। पीएम इमरान खान ने कहा कि उनकी अंतरात्मा इजरायल को कभी स्वीकार नहीं करेगी। 

प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार (18 अगस्त) को एक निजी समाचार चैनल के साथ एक इंटरव्यू के दौरान बयान दिया। इमरान खान ने यह टिप्पणी  इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच ऐतिहासिक समझौते के संदर्भ में की। इस इंटरव्यू में पीएम इमरान खान ने पाकिस्तान की विदेश नीति, पाक-चीन मित्रता, इजराइल, कश्मीर मुद्दा, अफगान शांति प्रक्रिया, अर्थव्यवस्था, क्षेत्र की स्थिति, राष्ट्रीय मुद्दों और राजनीति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

मेरा जमीर इजराइल को कभी स्वीकार नहीं कर सकता: पाकिस्तान पीएम इमरान खान 

इजराइल के बारे में सवाल पूछे जाने पर इमरान खान ने कहा, इजराइल पर हमारा रुख एकदम साफ है। पाकिस्तान इजराइल को मान्यता नहीं दे सकता है। मेरा जमीर इस बात को कभी स्वीकार नहीं करेगा। इजराइल पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। पाकिस्तान कभी भी इजराइल को नहीं पहचान सकता। अगर हम इजरायल के सामने आत्मसमर्पण करते हैं, तो हमें कश्मीर भी छोड़ देना चाहिए...क्योंकि कश्मीर में भी वही परिस्थिति है।

हर इंसान को अल्लाह को जवाब देना होगा: इमरान खान 

इमरान खाने ने कहा, कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने 1948 में साफ कर दिया था कि हमें इजराइल को तब तक तस्लीम नहीं कर सकते जब तक कि फलस्तीनियों को उनका हक नहीं मिलता।

इमरान खान ने कहा, "इंसान अल्लाह को जवाबदेह है। जब इजराइल और फलस्तीन की बात करते हैं, तो हमें ये भी सोचना चाहिए कि हम अल्लाह को क्या जवाब देंगे। जिन लोगों पर हर किस्म की ज्यादतियां हुई हैं, जिनके सारे हक छीने गए, क्या हम उनको यूं ही बेसहारा छोड़ सकते हैं? मेरा तो जमीर ऐसा करने के लिए कभी नहीं मानेगा। मैं इसे कभी स्वीकार नहीं कर सकता।"

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