इस्लामाबाद, 9 अप्रैलः आंतकवाद को लेकर चारों तरफ से घिरा पाकिस्तान अब अपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाक छवि दिखाने के लिए एक नया कदम उठा रहा है। वह मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिद सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा (जेयूडी) पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के लिये एक मसौदा विधेयक पर कार्य कर रहा है।
इसके अलावा पाकिस्तान गृह मंत्रालय की निगरानी सूची में शामिल अन्य आतंकवादी समूहों और व्यक्तियों पर स्थाई बैन को लेकर मसौदे पर कार्य कर रहा है। इस कदम को शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान का समर्थन मिला हुआ है।
पाकिस्तान के अखबार डॉन की खबर के अनुसार, यह विधेयक राष्ट्रपति के उस अध्यादेश का स्थान लेगा, जिसमें गृह मंत्रालय की निगरानी सूची में पहले से ही शामिल संगठनों और व्यक्तियों को प्रतिबंधित किया जा चुका है।
खबार ने रिपोर्ट में बताया कि आतंकवाद निरोधक अधिनियम (एटीए)-1997 में संशोधन के लिए प्रस्तावित मसौदा विधेयक नेशनल असेंबली के सत्र में पेश किए जाने की संभावना जताई गई है। वहीं, प्रस्तावित मसौदा बिल की समीक्षा के उद्देश्य से कानून मंत्रालय इस प्रक्रिया में शामिल था और सैन्य प्रतिष्ठान भी इसमें शामिल थे।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में नीतिगत फैसलों में देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान का प्रभाव रहता है। फरवरी में पाकिस्तान को धनशोधन एवं आतंकवादियों के वित्तपोषण की अंतरराष्ट्रीय निगरानी सूची में रखे जाने का फैसला लिया गया था।
इस फैसले के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी द्वारा संयुक्त प्रस्ताव को फायनेन्शियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से मंजूरी मिली थी, जिसके बाद नुकसान की भरपाई के तौर पर पाकिस्तान की सरकार ने अपने क्षतिपूर्ति अभियान के तहत एटीए में संशोधन के लिए मसौदा विधेयक तैयार करने का फैसला किया था।(खबर इनपुट-पीटीआई)