पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ (केएम आसिफ) ने शनिवार को भारत पर परमाणु हमले की धमकी दी है। उन्होंने ऐसा भारतीय सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत के एक बयान के जवाब में कहा।
आसिफ ने ट्वीट किया, "भारतीय सेना प्रमुख ने बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है। यह उनके क्षेत्र के लिए मुनासिब नहीं है। यह परमाणु मुठभेड़ के लिए आमंत्रण है। अगर वे यही चाहते हैं तो वे हमारे इम्तहान और उनके समाधानों के स्वागत के लिए तैयार रहें। जनरल के भ्रम को बहुत जल्द से मिटा दिया जाएगा। इंशाअल्लाह।"
इससे पहले जनरल रावत ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा था, 'सेना पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से टकराने के लिए तैयार थी। अगर सरकार कहती तो सेना पाकिस्तान में घुसकर किसी भी तरह का ऑपरेशन कर सकती थी।' वह एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें सीमा पर हालत बिगड़ने की स्थिति में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के प्रयोग की संभावना के बारे में पूछा गया था।
इस पर आसिफ ने उलटकर सेना प्रमुख को जवाब दिया है। उन्हीं पदचिह्नों पर पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने भी ट्वीट किया, 'भारतीय सेना प्रमुख का यह बयान बेहद गैरजिम्मेदाराना और डराने वाला है। यह भारत की भयावह मानसिकता को दर्शता है। पाकिस्तान के पास प्रतिरोध की क्षमता है।'
उन्होंने दूसरा ट्वीट किया, 'यह एक आम मामला नहीं है, जिसे हल्के में लिया जाए। गलत अनुमान के आधार पर कोई मिथ्या नहीं होनी चाहिए। पाकिस्तान खुद की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से सक्षम है।'
कहां से उठा भारत-पाक में परमाणु हथियार का मुद्दा
दोनों पड़ोसी देशों में परमाणु हथियार को लेकर शुरू हुई बहस को पहली बार हवा पाकिस्तानी अंतरिक सेवा व जनसंपर्क (आईएसपीआर) के निदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने दी। एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि भारतीय सेना प्रमुख जैसे कद वाले व्यक्ति को इस तरह की बातें शोभा नहीं देती।
पाकिस्तानी टीवी चैनल जीओ टीवी के अनुसार गफूर ने कहा हमे भरोसा है कि सीओएएस एक बहुत ही जिम्मेदार पद है और चार सितारा रैंक एक अनुवभी और परिपक्व इंसान को ही मिलती है। उन्होंने आगे जोड़ा, 'पाकिस्तान के पास विश्वनीय परमाणु क्षमता है, खासकर के पूर्व की ओर से आने वाली धमकियों के लिए। हालांकि हम इन हथियारों के इस्तेमाल सुरक्षा के लिए करने में विश्वास रखते हैं, विकल्पों के तौर नहीं।'