पाकिस्तान ने राहत सामग्री लेकर तुर्की जा रहे भारतीय विमान को नहीं दिया हवाई रास्ता, लंबा चक्कर लगाकर तुर्की पहुंचा भारतीय दल
By शिवेंद्र राय | Published: February 7, 2023 01:19 PM2023-02-07T13:19:18+5:302023-02-07T14:51:16+5:30
भारत से राहत सामग्री लेकर जा रहे विमान को पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र इस्तेमाल नहीं करने दिया जिसके कारण भारतीय विमान को लंबी दूरी तय करके तुर्की पहुंचना पड़ा। तबाह हुए तुर्की की मदद के लिए दुनिया भर से सहायता भेजी जा रही है।

राहत सामग्री लेकर तुर्की पहुंचा भारतीय विमान
नई दिल्ली: भूकंप से तबाह हुए तुर्की की मदद के लिए दुनिया भर से सहायता भेजी जा रही है। भारत ने भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप भेज दी है। राहत सामग्री की खेप में एक विशेषज्ञ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल खोज और बचाव दल शामिल है। इसमें पुरुष और महिला दोनों कर्मी, अत्यधिक कुशल डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा से जुड़ी चीजें, उन्नत ड्रिलिंग उपकरण भेजे गए हैं।
लेकिन भारत से राहत सामग्री लेकर जा रहे विमान को पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र इस्तेमाल नहीं करने दिया जिसके कारण भारतीय विमान को लंबी दूरी तय करके तुर्की पहुंचना पड़ा। पाकिस्तान खुद को तुर्की के सबसे करीबी दोस्तों में एक बताता है लेकिन मुसीबत के समय भी उसने ऐसी हरकत की।
दूसरी तरफ भारत से भेजी गई राहत सामग्री पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने भारत को "दोस्त" करार दिया। फिरत सुनेल ने कहा, "जरूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है।"
बता दें कि 5 फरवरी को आए भूकंप के झटकों से तुर्की और सीरिया में भयंकर तबाही हुई है। इस भूकंप के कारण अब तक 4000 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं। और 15000 से ज्यादा लोग घायल हैं। अभी भी इमारतों के मलबे में हजारों के फंसे होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य जारी है।
भारत ने मुसीबत के समय मदद के लिए भारतीय सेना के आगरा स्थित आर्मी फील्ड अस्पताल से 89 सदस्यीय मेडिकल टीम भी तुर्की भेजी है। इन विशेषज्ञों में आर्थोपेडिक सर्जिकल टीम, जनरल सर्जिकल स्पेशलिस्ट टीम, मेडिकल स्पेशलिस्ट टीम सहित क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट टीम शामिल हैं।
आर्मी फील्ड अस्पताल से तुर्की जाने वाली टीम वहां 30-बेड वाली चिकित्सा सुविधा स्थापित करेगी। इसके लिए टीम एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, कार्डिएक मॉनिटर और संबंधित उपकरणों से लैस है।
तुर्की और सीरिया में बड़े भूकंप के झटकों के बाद भी सीमाई इलाके में करीब 100 भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। डब्लूएचओ के वरिष्ठ अधिकारियों का अनुमान है कि इस भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।