इस्लामाबाद: पाकिस्तान में एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने वर्ष 2010 में ब्रिटेन में पार्टी नेता डॉ इमरान फारूक की हत्या का आदेश दिया था। फारूक सितंबर 2010 में उत्तरी लंदन के ग्रीन लेन स्थित घर के बाहर मृत मिले थे, जिसके करीब एक महीने बाद एक और वरिष्ठ एमक्यूएम नेता रजा हैदर की कराची में हत्या कर दी गयी थी। बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद की आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश शाहरुख अर्जुमंद ने इस मामले में फैसले में कहा कि ‘‘यह साबित हो गया है कि अल्ताफ हुसैन ने डॉ इमरान फारूक की हत्या का आदेश दिया था।’’ अदालत ने दोषी खालिद शमीम, मोहसिन अली और मोअज्जम अली को उम्रकैद की सजा सुनाई तथा 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
अदालत ने उन्हें मृतक के परिवार को दस-दस लाख रुपये देने का आदेश भी दिया। अदालत ने अल्ताफ हुसैन, इफ्तिखार हुसैन, मोहम्मद अनवर और काशिफ कामरान को सुनवाई में शामिल नहीं होने पर भगोड़ा घोषित किया। न्यायाधीश ने कहा कि भगोड़ों को जल्द से जल्द तलाशा जाए, उन्हें गिरफ्तार करके अदालत के समक्ष पेश किया जाए।
अदालत ने कहा कि मोअज्जम अली और खालिद शमीम ने मोहसिन अली और कासिफ कामरान को शामिल किया, जो कराची से लंदन गए और हत्या को अंजाम दिया। पाकिस्तान में ब्रिटेन के उच्चायुक्त डॉ क्रिश्चियन टर्नर ने कहा, ''सजा डॉ इमरान फारूक की हत्या मामले में न्याय दिलाने के लिए पाकिस्तान और ब्रिटेन की जांच एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों पर मुहर लगाती है।