इस्लामाबाद: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के कारण भड़की राजनीतिक अराजकता के चार दिनों के बाद मार्शल लॉ कानून लागू होने की खबरों को पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने जियो न्यूज से बात करते हुए कहा कि देश में मार्शल लॉ लगाने का सवाल ही नहीं उठता।
चौधरी ने कहा कि मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जनरल असीम मुनीर और सेना का नेतृत्व पूरे दिल से लोकतंत्र का समर्थन करता है और आगे भी करता रहेगा। मार्शल लॉ लगाने का सवाल ही नहीं उठता। सेना प्रमुख और सेना के वरिष्ठ अधिकारी पूरी तरह से लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। प्रवक्ता ने चल रही अराजकता के कारण सेना के अधिकारियों के इस्तीफा देने की खबरों को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, आंतरिक बदमाशों और बाहरी दुश्मनों की तमाम कोशिशों के बावजूद थल सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व में सेना एकजुट है। सेना के भीतर विभाजन पैदा करने के सपने सपने ही रह जाएंगे। न तो किसी ने इस्तीफा दिया है और न ही किसी आदेश की अवहेलना की है।
उनका यह बयान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के अपने समर्थकों के साथ सैन्य ठिकानों पर हमला करने और लाहौर में कोर कमांडर के आवास को आग लगाने के कुछ दिनों बाद आया है। उन्होंने रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर हमला किया।
खान की गिरफ्तारी के बाद, हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिससे एक दर्जन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इसके बाद कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा पार्टी पर कार्रवाई की गई और कार्यकर्ताओं और शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार किया गया।
बता दें कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भी शुक्रवार को इमरान खान को बड़ी राहत दे दी। हाईकोर्ट ने कहा कि 17 मई तक पीटीआई सु्प्रीमो को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इससे पहले पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने खान की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया था और पूर्व प्रधानमंत्री को तुरंत रिहा करने का आदेश पारित किया था।