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इमरान सरकार के खिलाफ हो सकता है तख्तापलट, इकोनॉमी और व्यापार पर कारोबारी से मिले पाक सेना प्रमुख

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 4, 2019 19:28 IST

जनरल बाजवा देश के नामचीन कारोबारियों को संबोधित किए। वह ‘अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के बीच संबंध’ पर सेमिनार और वार्ताओं की एक सीरीज के समापन पर बोल रहे थे। जनरल बाजवा राष्ट्रीय विकास परिषद के भी सदस्य हैं।

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ठळक मुद्देराष्ट्रीय सुरक्षा सीधे-सीधे अर्थव्यवस्था से जुड़ी है जबकि समृद्धि आर्थिक वृद्धि और सुरक्षा जरूरतों के बीच संतुलन बनाने का नाम है।इमरान खान के सत्ता में एक साल रहने के बाद भी आर्थिक मंच पर सरकार का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहने पर सेना अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार में रुचि ले रही है।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने देश के कारोबारियों से कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा के हालात बेहतर होने से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार के लिए परिस्थितियां पहले से अच्छी हुईं हैं। पाकिस्तान सेना ने यह कहा।

जनरल बाजवा देश के नामचीन कारोबारियों को संबोधित किए। वह ‘अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के बीच संबंध’ पर सेमिनार और वार्ताओं की एक सीरीज के समापन पर बोल रहे थे। जनरल बाजवा राष्ट्रीय विकास परिषद के भी सदस्य हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा सीधे-सीधे अर्थव्यवस्था से जुड़ी है जबकि समृद्धि आर्थिक वृद्धि और सुरक्षा जरूरतों के बीच संतुलन बनाने का नाम है।’’ प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता में एक साल रहने के बाद भी आर्थिक मंच पर सरकार का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहने पर सेना अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार में रुचि ले रही है।

जनरल बाजवा को उच्च स्तरीय राष्ट्रीय विकास परिषद का सदस्य बनाया गया है। इस परिषद का गठन पाकिस्तान की दीर्घावधि आर्थिक योजना का गठन करने के लिए किया गया है। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को जुलाई में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने छह अरब डॉलर की वित्तीय सहायता मुहैया कराने पर आधिकारिक सहमति जतायी थी।

उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में इच्छा के अनुरूप सकारात्मक वृद्धि के लिए निजी और सार्वजनिक संस्थानों के बीच बेहतर समझ का विकसित होना और व्यापारिक समुदाय के लिए सरकार के आर्थिक दल का प्रतिक्रियावादी और पहुंच में होना एक अच्छा संकेत है।

पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के 70 सालों के राज में सेना का आधे से अधिक समय तक शासन रहा है। ऐसे में देश के आर्थिक एवं विदेशी नीति मुददों पर उसका पक्ष काफी मायने रखता है। 

 

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