'इमरान खान माफी मांगे तभी कोई बातचीत संभव', शहबाज शरीफ ने पीटीआई प्रमुख पर विदेशी राजदूतों के साथ बैठक करने का आरोप भी लगाया

By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 29, 2023 03:47 PM2023-03-29T15:47:31+5:302023-03-29T15:48:57+5:30

शहबाज शरीफ ने इमरान पर कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि पीएम रहते हुए इमरान खान कहते थे कि विपक्षी सदस्यों को विदेशी दूतों से नहीं मिलना चाहिए, लेकिन अब वह खुद विदेशी राजदूतों के साथ बैठक कर रहे हैं।

Pak PM Shehbaz Sharif sais Talks between government and Imran Khan possible only if he apologises | 'इमरान खान माफी मांगे तभी कोई बातचीत संभव', शहबाज शरीफ ने पीटीआई प्रमुख पर विदेशी राजदूतों के साथ बैठक करने का आरोप भी लगाया

शहबाज शरीफ का पूर्व पीएम इमरान पर तीखा हमला

Highlightsशहबाज शरीफ का पूर्व पीएम इमरान पर तीखा हमलाकहा- जब तक इमरान माफी नहीं मांगते, सरकार कोई बातचीत नहीं करेगीकहा- पीटीआई प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष समझौते का उल्लंघन किया

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि सरकार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान के बीच बातचीत तभी संभव होगी जब पूर्व प्रधानमंत्री अपनी गलती स्वीकार करेंगे। शहबाज शरीफ ने कहा कि जब तक इमरान खान सार्वजनिक रूप से अपने किए पर माफी नहीं मांगते तब तक सरकार उनके साथ किसी भी तरह कोई बातचीत नहीं करेगी।

शहबाज शरीफ ने ये भी कहा कि पीटीआई प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष समझौते का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान के पीएम ने दावा किया कि इमरान खान की सरकार के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान का कर्ज 70 फीसदी बढ़ गया और एक भी परियोजना शुरू नहीं की गई। पीएम शहबाज ने कहा कि पीटीआई प्रमुख ने पहले अमेरिका को अपनी कुर्सी जाने का जिम्मेदार बताया और फिर यू-टर्न लेते हुए कहा कि यह साजिश अमेरिका ने नहीं रची थी। 

शहबाज शरीफ ने इमरान पर कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि पीएम रहते हुए इमरान खान कहते थे कि विपक्षी सदस्यों को  विदेशी दूतों से नहीं मिलना चाहिए, लेकिन अब वह खुद विदेशी राजदूतों के साथ बैठक कर रहे हैं। शाहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान ने संयुक्त राज्य अमेरिका में लॉबिंग के लिए फर्मों को काम पर रखा है। देश में बढ़ती आर्थिक बदहाली के लिए भी शाहबाज शरीफ ने इमरान खान को ही जिम्मेदार ठहराया।

बता दें कि आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान के सामने अब एक नई मुसीबत आ खड़ी हुई है। बढ़ती मंहगाई, आवश्यक वस्तुओं की किल्लत, बढ़ते विदेशी कर्ज और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के बीच अब पाकिस्तान को जीवन-रक्षक दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी रूपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले इतना गिर गया है कि देश को जरूरी दवाओं के आयात में भी दिक्कतें आ रही हैं। दवा आपूर्तिकर्ताओं द्वारा आपूर्ति बंद करने के कारण सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य सुविधाएं आयातित टीकों, कैंसर उपचार में काम आने वाली दवाओं और अन्य जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं। 

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