इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद बीते दिनों सरकारी कर्मचारियों द्वारा वेतन वृद्धि की मांग करते हुए प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर इस्लामाबाद पुलिस ने आंसू गैस के काफी गोले दागे थे।
एचटी रिपोर्ट के अनुसार, अपने सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों के प्रदर्शन को दबाने के लिए हजारों आंसू गैस के गोले दागने के मामले में इमरान खान सरकार के गृह मंत्री ने कहा कि काफी दिनों से आंसू गैस के गोले कनस्तरों में रखे हुए थे, ऐसे में इसका टेस्ट करना जरूरी था।
रावलपिंडी के एक कार्यक्रम में मंत्री शेख राशीद अहमद ने ये कहा-
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अधिक बल प्रयोग नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए हल्के मात्रा में आंसू गैस के गोले जरूर छोड़े गए हैं। रावलपिंडी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अहमद ने ये बात कही है।
मंदी के समय में कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाने की मांग सही नहीं: पाकिस्तान के गृहमंत्री
सरकारी समिति का हिस्सा रहे मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर आंसू गैस छोड़ने की यह समस्या फिर भी छोटी है। लेकिन, इस महामारी और मंदी के समय में कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाने के लिए अरबों रुपए सरकारी खजाने से खर्च करना एक चुनौतिपूर्ण काम है।
वेतन और पेंशन में वृद्धि की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन
बता दें कि पाकिस्तान पुलिस ने 10 फरवरी को सरकारी कर्मचारियों पर आंसू गैस छोड़ी, जो अपने वेतन और पेंशन में वृद्धि की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अहमद के इस बयान के बाद ही सोशल मीडिया पर गृह मंत्री के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क उठा। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस टिप्पणी के लिए अहमद से माफी मांगने की मांग की।
राजनेता व पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने ये कहा-
अब गृह मंत्री के इस बयान पर राजनेता व पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने भी अपना विरोध प्रकट किया है। पीएमएल-एन पार्टी के नेता मोहम्मद जुबैर ने कहा कि किसी भी दूसरे देश में इतने बड़े ओहदे पर बैठे व्यक्ति के इस तरह के एक बयान का मतलब होता कि मंत्री को तत्काल सरकार से बाहर का रास्ता दिखाया जाता और सरकार की ओर से माफी मांगी जाती। फिल्मकार हारून रियाज ने ट्वीट किया कि गृह मंत्री शेख रशीद के मुताबिक, लोगों को मौत के घाट उतारना एक मजाक है।