नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि भूकंप प्रभावित तुर्किए में एक भारतीय लापता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम उनके परिवार के संपर्क में हैं। एएनआई के अनुसार, विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा, "हमने तुर्किए के अदाना में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। 10 भारतीय प्रभावित क्षेत्रों के सुदूर हिस्सों में फंसे हुए हैं लेकिन वे सुरक्षित हैं। एक भारतीय नागरिक जो व्यापारिक यात्रा पर था, लापता है।"
उन्होंने आगे कहा, "हम उनके परिवार और बेंगलुरु की उस कंपनी के संपर्क में हैं जहां वो नौकरी करते हैं। 1939 के बाद से तुर्किए में आई यह सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है। हमें सहायता के लिए तुर्किए की ओर से एक ईमेल प्राप्त हुआ और बैठक के 12 घंटे के भीतर, दिल्ली से तुर्किए के लिए पहली एसएआर उड़ानें रवाना हुईं। इसके बाद 4 ऐसी उड़ानें (तुर्किए भेजी गईं) जिनमें से 2 एनडीआरएफ की टीमों को ले जा रही थीं और 2 में मेडिकल टीमें थीं। चिकित्सा आपूर्ति और उपकरण ले जाने वाला एक विमान सीरिया भेजा गया।"
वर्मा से पूछा गया कि अगर सीरिया पर अमेरिकी प्रतिबंध मानवीय सहायता को प्रभावित करेंगे तो इसपर उन्होंने कहा कि हम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के जी20 मंत्र का पालन कर रहे हैं। प्रतिबंधों में ऐसी मानवीय सहायता शामिल नहीं है। हमने सीरिया को 6 टन चिकित्सा सहायता भेजी है। बता दें, तुर्किए और सीरिया में पिछले दिनों आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 11,000 को पार कर चुकी है।
अभी भी यह आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल तुर्किए में मरने वालों की संख्या 8,500 को पार कर गई है। जापान में 2011 में आए भूकंप के बाद से यह सबसे घातक भूकंपीय घटना है। तब भूकंप के बाद सुनामी आई थी जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए थे।