ओमीक्रोन बनाम डेल्टा : कोरोना वायरस के स्वरूपों पर वैज्ञानिक समुदाय की नजर
By भाषा | Published: December 7, 2021 02:05 PM2021-12-07T14:05:56+5:302021-12-07T14:05:56+5:30
वाशिंगटन, सात दिसंबर (एपी) दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के प्रसार और दुनिया भर में कई देशों से इसके मामले सामने आने के बाद चिंतित वैज्ञानिक एक ऐसी लड़ाई को देख रहे हैं जो महामारी का भविष्य तय करेगी। क्या ओमीक्रोन दुनिया में तबाही मचा चुके डेल्टा से आगे निकलेगा?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल नीत एक अनुसंधान में कोविड के स्वरूपों की निगरानी करने वाले डॉक्टर जैकब लेमिक्स ने कहा, ‘‘ अब भी शुरुआत ही है लेकिन बढ़ते समय के साथ आंकड़े आ रहे हैं जो इस ओर इशारा करते हैं कि ओमीक्रोन सभी जगह तो नहीं, लेकिन कुछ जगहों पर डेल्टा स्वरूप को पीछे छोड़ सकता है।'' उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से खतरे की आशंका है। लेकिन अन्य की राय में अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि ओमीक्रोन का प्रसार डेल्टा से ज्यादा तेज गति से होगा और अगर ऐसा होता है तो कितनी तेजी से यह आगे निकलेगा।’’
रोचेस्टर के मायो क्लीनिक के नैदानिक विषाणु विज्ञान के निदेशक मैथ्यू बिन्किर ने बताया कि खास तौर पर अमेरिका में डेल्टा के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है और ओमीक्रोन इससे आगे बढ़ पाएगा, इसका पता अगले दो सप्ताह में चलेगा।
ओमीक्रोन के बारे में कई सवालों के जवाब भी तलाशे जाने हैं कि इस स्वरूप से मरीज आंशिक या गंभीर रूप से पीड़ित होता है और यह टीका या पूर्व में संक्रमण से पैदा हुए प्रतिरोधक क्षमता से कितना बच पाता है।
वहीं ओमीक्रोन के प्रसार के मुद्दे पर वैज्ञानिक दक्षिण अफ्रीका की तरफ इशारा करते हैं, जहां इस स्वरूप का मामला सबसे पहले सामने आया। दक्षिण अफ्रीका में इस स्वरूप से संक्रमित होने के मामलों में वृद्धि जारी है और विशेषज्ञों को आशंका है कि देश में कहीं नई लहर न आ जाए क्योंकि इससे देश के अस्पताल मरीजों से भर जाएंगे।
वैज्ञानिकों का कहना है कि हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जिस तरह से दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रोन का प्रसार हो रहा है, वैसा ही कुछ अन्य देशों में भी होगा।
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