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2021 में दुनिया में सबसे अधिक पत्रकारों को जेल, रिपोर्टिंग के कारण 24 पत्रकारों की हत्या, सबसे अधिक पत्रकारों की हत्या भारत में: रिपोर्ट

By विशाल कुमार | Updated: December 9, 2021 13:40 IST

इस साल 1 दिसंबर तक 293 पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया था। इन 293 पत्रकारों में से 40 फीसदी पत्रकार महिलाएं हैं। काम के कारण सबसे अधिक चार पत्रकारों की भारत में हत्या की गई जबकि पांचवें पत्रकार की एक विरोध प्रदर्शन को कवर करने के दौरान मौत हुई।

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ठळक मुद्दे1 दिसंबर तक 293 पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया था।इन 293 पत्रकारों में से 40 फीसदी पत्रकार महिलाएं हैं।साल 2021 में रिपोर्टिंग के कारण कम से कम 24 पत्रकारों की हत्या कर दी गई।

न्यूयॉर्क: साल 2021 में दुनियाभर में अब तक किसी साल में सबसे अधिक पत्रकारों को जेल हुई. अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संस्था 'कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स' (सीपीजे) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया कि इस साल 1 दिसंबर तक 293 पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया था। इन 293 पत्रकारों में से 40 फीसदी पत्रकार महिलाएं हैं।

गुरुवार को प्रेस की स्वतंत्रता और मीडिया पर हमलों पर अपनी सालाना रिपोर्ट में सीपीजे ने कहा कि साल 2021 में रिपोर्टिंग के कारण कम से कम 24 पत्रकारों की हत्या कर दी गई जबकि 18 लोगों की ऐसी परिस्थितियों में मौत हुई जिसमें उनकी मौत का कारण उनके काम को मानना पड़ा।

अमेरिका स्थिति संस्था ने कहा कि अलग-अलग देशों में पत्रकारों को जेल में डालने के अलग-अलग कारण रहे लेकिन अधिकतर पत्रकारों को दुनियाभर में राजनीतिक उथल-पुथल और स्वतंत्र रिपोर्टिंग के प्रति बढ़ती असहिष्णुता के कारण जेल का सामना करना पड़ा।

2021 में मारे गए पत्रकारों में जुलाई में अफगानिस्तान में तालिबान के हमले में मारे गए रॉयटर्स के फोटोग्राफर दानिश सिद्दीकी और जून में मैक्सिको में मारे गए गुस्तावो सांचेज कैबरेरा शामिल हैं।

हालांकि, काम के कारण सबसे अधिक चार पत्रकारों की भारत में हत्या की गई जबकि पांचवें पत्रकार की एक विरोध प्रदर्शन को कवर करने के दौरान मौत हुई।

सीपीजे के अनुसार, सबसे अधिक 50 पत्रकारों को चीन में जेल भेजा गया जिसके बाद तख्तापलट के बाद सैन्य शासन लागू करने वाले म्यांमार में 26, इजिप्ट में 25, वियतनाम में 23 और बेलारुस में 19 पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया।

जहां 1 दिसंबर, 2020 तक म्यांमार में एक भी पत्रकार हिरासत में नहीं था तो वहीं 1 फरवरी, 2021 को सेना के तख्तापलट के बाद सैन्य शासन के 12 महीने में 26 पत्रकारों में जेल में डाल दिया गया।

सीपीजे की सहयोगी अमेरिकी प्रेस फ्रीडम ट्रैकर के अनुसार, 2021 में कुल 56 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया. इसमें से 86 फीसदी की गिरफ्तारी विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई।

पहली बार सीपीजे की सूची में हांगकांग में बंद पत्रकारों को शामिल किया गया है जिसमें एप्पल के संस्थापक जिम्म्मी लाय समेत आठ पत्रकार हैं। यह परिस्थिति वहां चीन के नए सुरक्षा कानून के लागू करने के बाद पैदा हुई है जिसमें बड़े पैमाने पर पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।

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