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North korea vs south korea: किम जोंग उन की बहन ने दी चेतावनी, कहा-संपर्क कार्यालय हटाओ, जानिए पूरा मामला

By भाषा | Updated: June 7, 2020 05:10 IST

उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को धमकी दी है कि अपने कार्यकर्ता को रोक लगाए, नहीं तो हम सारे रिश्ते तोड़ लेंगे। संयुक्त फैक्ट्री पार्क को भी स्थायी रूप से बंद कर सकता है जो दोनों देशों के बीच सुलह का प्रतीक रहे हैं।

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ठळक मुद्देअगर सियोल कार्यकर्ताओं को नहीं रोक पाता तो उनका देश उसके साथ तनाव कम करने के लिए 2018 में हुए सैन्य समझौते को समाप्त कर देगा। एक संयुक्त फैक्ट्री पार्क को भी स्थायी रूप से बंद कर सकता है जो दोनों देशों के बीच सुलह का प्रतीक रहे हैं।

सियोलः उत्तर कोरिया ने सीमा पर उसके खिलाफ पर्चे भेजने से कार्यकर्ताओं को नहीं रोक पाने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया की निंदा की और पड़ोसी देश के साथ एक संपर्क कार्यालय को स्थायी रूप से बंद करने की चेतावनी भी दी है।

उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी का बयान शुक्रवार को आया। एक दिन पहले ही देश के नेता किम जोंग उन की प्रभावशाली बहन ने कहा था कि अगर सियोल कार्यकर्ताओं को नहीं रोक पाता तो उनका देश उसके साथ तनाव कम करने के लिए 2018 में हुए सैन्य समझौते को समाप्त कर देगा। उन की बहन किम यो जोंग ने भी कहा था कि उत्तर कोरिया सीमावर्ती शहर केसांग में संपर्क कार्यालय और एक संयुक्त फैक्ट्री पार्क को भी स्थायी रूप से बंद कर सकता है जो दोनों देशों के बीच सुलह का प्रतीक रहे हैं।

उत्तर कोरिया के साथ कमजोर पड़ती अपनी कूटनीति को जीवंत बनाये रखने के लिए परेशान दक्षिण कोरिया ने जवाब में कहा कि वह उत्तर कोरिया की ओर गुब्बारों से पर्चे भेजने से कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए नये कानून बनाएगा।

लेकिन वर्कर्स पार्टी के अंतर-कोरियाई मामलों के विभाग के एक अज्ञात प्रवक्ता ने कहा कि सियोल के वादे में गंभीरता नहीं है और उत्तर कोरिया द्वारा उठाये जाने वाले कदमों की श्रृंखला में संपर्क कार्यालय को बंद करना पहला कदम होगा जिससे दक्षिण कोरिया को बहुत नुकसान होगा। बयान में कहा गया कि जोंग के निर्देशों के तहत उत्तर कोरिया ने पहले कदम के तौर पर केसांग औद्योगिक क्षेत्र में स्थित संयुक्त संपर्क कार्यालय को निश्चित रूप से बंद करने का फैसला किया है।

दक्षिण कोरिया ने कोविड-19 से मिलकर निपटने पर उत्तर कोरिया को दिया प्रस्ताव दोहराया

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारियों से मिलकर निपटने के लिए उत्तर कोरिया को दिया गया उनका प्रस्ताव अब भी बरकरार है। हालांकि उत्तर कोरिया ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। राष्ट्रपति मून जेई-इन ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि उनका मानना है कि उत्तर कोरिया कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को लेकर ‘‘कई दिक्कतों’’ का सामना कर रहा है।

मून ने इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया। उनकी खुफिया एजेंसी ने हाल ही में सांसदों को बताया था कि वैश्विक महामारी से उत्तर कोरिया के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। मून ने कहा कि वह उत्तर कोरिया को महामारी खत्म होने के बाद मिलकर काम करने की उनकी पेशकश को स्वीकार करने के लिए मनाएंगे।

मून ने रेलवे लाइनों को फिर से जोड़ने, युद्ध के कारण अलग हुए परिवारों को फिर से मिलाने और दक्षिण कोरियाई पर्यटकों को उत्तर कोरिया भेजने का प्रस्ताव दिया है। उत्तर कोरिया ने विषाणु संक्रमण को रोकने संबंधी कई कदम उठाए हैं लेकिन वह दावा करता रहा है कि उसके यहां कोरोना वायरस का एक भी मामला नहीं आया। कई विदेशी विशेषज्ञों को उसके इस दावे पर संदेह है।

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