उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया परमाणु हथियार खत्म करने को हुए सहमत, दुश्मनी छोड़ बनेंगे दोस्त
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 27, 2018 04:56 PM2018-04-27T16:56:46+5:302018-04-27T16:56:46+5:30
उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन शुक्रवार (27 अप्रैल) को दक्षिण कोरिया पहुंचे। किम जोंग-उन पहले उत्तर कोरियाई सुप्रीम लीडर हैं जिसने दक्षिण कोरिया की यात्रा की है।
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया ने करीब आठ घण्टे की कई दौर की ऐतिहासिक बातचीत के बाद परमाणु हथियारों को खत्म करने पर सहमत हो गये हैं। शुक्रवार (27 अप्रैल) को उत्तर कोरिया के सुप्रीम कमांडर किम जोंग-उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने प्रेस वार्ता करके ये जानकारी दी। 1953 में कोरियाई महाद्वीप उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में बंट गया था। किम जोंग-उन पिछले 65 साल में दक्षिण कोरिया की यात्रा करने वाले उत्तर कोरिया के पहले राष्ट्र प्रमुख हैं। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया युद्ध विराम संधि पर भी समझौता कर सकते हैं। दोनों देशों ने एक दूसरे के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया भी खत्म करने के प्रति प्रतिबद्धता जतायी है।
किम जोंग उन और मून जे-इन के बीच शुक्रवार रात डिनर पर भी मुलाकात होनी है। शुक्रवार सुबह जब किम जोंग-उन दक्षिण कोरिया पहुँचे तो राष्ट्रपति मून जे-इन ने उनका हाथ मिलाकर स्वागत किया। एबीसी न्यूज के अनुसार मून जे-इन ने उत्तर कोरिया के शासक का स्वागत करते हुए कहा, "मैं आपसे मिलकर प्रसन्न हूँ।" उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक पनमुनजोम के पीस हाउस में हुई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किम जोंग-उन ने गेस्ट रजिस्टर में लिखा, "आज से नए इतिहास की शुरुआत हो रही है, शांति के नए युग की शुरुआत हो रही है।"
भारतीय समय के अनुसार दोनों देशों के बीच सुबह करीब 5.30 बजे द्विपक्षीय वार्ता शुरू हुई। भारतीय समय के अनुसार करीब साढ़े तीन बजे दोनों देशों के राष्ट्रप्रमुख ने मीडिया को दिन भर हुई बातचीत का ब्योरा दिया। उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग-उन जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले किम जोंग उन ने चीन का दौरा किया था। किम जोंग-उन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी।
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की सीमा पर हरदम तनाव की स्थिति रही है। दोनों देशों की सीमा दुनिया की सर्वाधिक संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में मानी जाती रही है। उत्तरी कोरिया में कम्युनिस्ट तानाशाही रही है और दक्षिण कोरिया में लोकतांत्रिक पूँजीवादी शासन रहा है। दोनों देशों के बीच पिछले छह दशकों में तीखा वैमनस्य रहा है। दोनों देशों के बीच किसी तरह का कूटनीतिक सम्वाद भी नहीं था।
अमेरिका और जापान समेत तमाम यूरोपीय देश दक्षिण कोरिया के समर्थक रहे हैं। वहीं उत्तर कोरिया को चीन, रूस और ईरान जैसे देशों का समर्थन मिलता रहा है।