एस400 मामले में भारत को कात्सा से छूट पर अब तक कोई निर्णय नहीं : अमेरिका

By भाषा | Updated: November 24, 2021 11:50 IST2021-11-24T11:50:55+5:302021-11-24T11:50:55+5:30

No decision yet on exemption from katsa for India in S400 case: US | एस400 मामले में भारत को कात्सा से छूट पर अब तक कोई निर्णय नहीं : अमेरिका

एस400 मामले में भारत को कात्सा से छूट पर अब तक कोई निर्णय नहीं : अमेरिका

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 24 नवंबर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद पर भारत को ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ (कात्सा) से किसी भी संभावित छूट पर अब तक ठोस निर्णय नहीं लिया है।

अमेरिका के विदेश विभाग की यह टिप्पणी भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली मिलना शुरू होने के एक सप्ताह बाद और रिपब्लिकन एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष सांसदों द्वारा भारत पर कात्सा के तहत प्रतिबंध नहीं लगाने के अनुरोध के बीच आई है।

अमेरिका ने इसे अपने प्रतिद्वंद्वियों के विरोध के लिए दंडात्मक अधिनियम के रूप में बनाया है।

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपनी ‘‘रणनीतिक साझेदारी’’ को महत्व देता है।

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘‘एस-400 प्रणाली की आपूर्ति पर आपको भारत सरकार से प्रश्न करना चाहिए, लेकिन जब अधिनियम की बात आती है तो न केवल भारतीय बल्कि अधिक व्यापक संदर्भ में भी अमेरिका ने अपने सभी सहयोगियों, सभी भागीदारों से रूस के साथ लेन-देन त्यागने का आग्रह किया है, अन्यथा कात्सा के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का जोखिम हो सकता है। हमने रूस के साथ भारत के हथियार लेन देन के संबंध में छूट पर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।

प्राइस ने कहा, ‘‘कात्सा में किसी प्रकार के देश-विशिष्ट छूट का प्रावधान नहीं है। हम यह भी जानते हैं कि हाल के वर्षों में भारत के साथ हमारे रक्षा संबंधों का विस्तार हुआ है और यह काफी प्रगाढ़ हुआ है।’’

प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि हमारे रक्षा संबंधों में यह मजबूती जारी रहेगी। हम निश्चित रूप से भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को महत्व देते हैं। जैसा कि आप जानते हैं, कुछ समय पहले ही मुझे भारत यात्रा का अवसर मिला था। अगस्त में कई बार विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात हुई। हमने इस चिंता पर शीर्ष अधिकारियों सहित सीधे भारत सरकार से भी चर्चा की है।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस के कई सदस्यों ने इस मुद्दे पर गहरी दिलचस्पी दिखाई है।

प्राइस ने कहा कि टू प्लस टू वार्ता जल्द वाशिंगटन में होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम टू प्लस टू के लिए फिर से प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि भारत के साथ हमारे महत्वपूर्ण संबंध हैं, जिसमें एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में इसकी स्थिति भी शामिल है।’’

पिछले महीने अमेरिकी सांसदों और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष मार्क वार्नर और जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिखा था जिसमें रूस से सैन्य हथियार खरीदने पर भारत के खिलाफ कात्सा के तहत प्रतिबंध नहीं लगाने का उनसे अनुरोध किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने रूसी सैन्य उपकरणों की खरीद को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारत का सोवियत संघ और बाद में रूस से हथियार खरीदने का एक लंबा इतिहास रहा है। 2018 में भारत औपचारिक रूप से दो साल पहले रूस के साथ एक प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद रूसी एस-400 ट्रायम्फ एयर-डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए सहमत हुआ।’’

पत्र में लिखा है, ‘‘हमें अंदेशा है कि इन प्रणालियों के आगामी हस्तांतरण से कात्सा के तहत प्रतिबंध लग जाएंगे, जो रूस को उसके दुर्भावनापूर्ण व्यवहार के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए बनाया गया है।’’

सांसदों ने कहा कि वे भारत को कात्सा से छूट देने कर अनुरोध करते हैं।

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Web Title: No decision yet on exemption from katsa for India in S400 case: US

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