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'भारत लगातार दिखा रहा है कि वो चीन के आक्रामक रवैये के आगे झुकेगा नहीं', ऐप बैन पर निक्की हेली का बयान

By पल्लवी कुमारी | Updated: July 2, 2020 10:13 IST

भारत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून धारा 69ए और नियमों के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सोमवार (29 जून) को किया। जिसमें टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे ऐप शामिल हैं।

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ठळक मुद्देभारत सरकार ने सुरक्षा का हवाला देकर चीन की 59 मोबाइल ऐप को बैन किया है। भारत ने चीन के 59 ऐप बैन करने का फैसला लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच किया है।

वाशिंगटन:  संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने भारत सरकार द्वारा चीन की 59 ऐप को बैन करने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की प्रतिनिधि रह चुकीं निक्की हेली ने कहा है कि भारत लगातार दिखा रहा है कि वह चीन के आक्रामक रवैये के झुकने वालों में से नहीं है। निक्की हेली के पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने भी भारत के इस कदम का स्वागत किया है। भारत ने सोमवार (29 जून) को 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर भी शामिल है। निक्की हेली भारतीय मूल की महिला हैं।

खुशी हुई भारत ने टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप बैन किया: निक्की हेली

निक्की हेली ने 2 जुलाई को ट्वीट किया,  भारत ने 59 चीनी ऐप को बैन कर दिया, ये जानकर बेहद खुशी हुई। इनमें टिकटॉक भी शामिल था, जिसका भारत में बहुत बड़ा मार्केट था। भारत में अपने प्रयासों ने लगातार दिखा रहा है कि वह चीन के आक्रामक रवैये के आगे झुकने वाला नहीं है।

निक्की हेली के पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने भी दी प्रतिक्रिया

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने भारत के 59 चीनी ऐप बैन करने का स्वागत किया है। माइक पॉम्पिओ ने बुधवार (1 जुलाई) को कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की निर्दयता का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है। उन्होंने कहा, 'हम कुछ मोबाइल ऐप पर बैन लगाने के भारत के कदम का स्वागत करते हैं।'

माइक पॉम्पिओ ने इन ऐप को  CCP के सर्विलांस का अंग बताते हुए कहा, भारत के ऐप के सफाए के कदम से भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा जैसा भारत की सरकार ने खुद भी कहा है।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ (फाइल फोटो)

भारत के द्वारा ऐप बैन किए जाने के कुछ वक्त बाद अमेरिका ने भी चीन की दो कंपनियों पर बैन लगा दिया है। अमेरिका ने हुवावेई के अलावा एक और कंपनी को सुरक्षा के लिहाज से खतरा बताया है। अमेरिका ने कहा है कि इन कोई भी सरकारी कॉन्ट्रैक्ट इन कंपनियों के साथ ना किया जाए। 

जानिए 59 चीनी ऐप बैन होने पर चीन के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा? 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने 30 जून को भारत में चीनी एप पर रोक के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, चीन भारत द्वारा जारी नोटिस से अत्यधिक चिंतित हैं। हम स्थिति की जांच और पुष्टि कर रहे हैं।

 उन्होंने कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि चीनी सरकार हमेशा अपने कारोबारियों से विदेश में अंतरराष्ट्रीय नियमों, स्थानीय कानूनों और विनियमनों का पालन करने के लिए कहती है। लिजियान ने कहा, भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि वह चीनी सहित सभी बाहरी निवेशकों के वैध और कानूनी अधिकारों की रक्षा करे।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारत सरकार ने बताया क्यों लगाया 59 चाइनीज ऐप पर बैन

भारत ने सोमवार (29 जून) को चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप जो भारत में बैन किए गए हैं उस लिस्ट में वीचैट , बीगो लाइव ,हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल - शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी और शीइन शामिल हैं। 

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। आईटी मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ऐप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं।

बयान में कहा गया, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आधात होता है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके खिलाफ आपातकालीन उपायों की जरूरत है।

टॅग्स :अमेरिकाचीन
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