अफगानिस्तान: कोरोना प्रतिबंधों के कारण स्वदेश वापसी नहीं कर पा रही न्यूजीलैंड की एक गर्भवती महिला पत्रकार ने अफगानिस्तान की मौजूदा तालिबान सरकार से मदद मांगी है। दरअसल कोरोना महामारी के कड़े प्रतिबंधों और कोरोनो वायरस क्वारंटाइन सिस्टम के कारण महिला पत्रकार शार्लोट बेलिस को अपने ही देश न्यूजीलैंड ने फिलहाल मदद देने से मना कर दिया है।
इस मामले में गर्भवती पत्रकार शार्लोट बेलिस ने बीते शनिवार को द न्यूजीलैंड हेराल्ड में प्रकाशित एक कॉलम में लिखा है कि यह "क्रूरतापूर्ण विडंबना" है कि कभी उसने तालिबान द्वारा महिलाओं के साथ किये जाने वाले व्यवहार पर सवाल किया था और अब वही सवाल वह अपनी सरकार (न्यूजीलैंड) से पूछ रही हैं।
कॉलम में छपे शार्लेट की वेदना पर प्रतिक्रिया देते हुए न्यूजीलैंड के कोरोना प्रबंधन मंत्री क्रिस हिपकिंस ने द न्यूजीलैंड हेराल्ड से कहा कि उनके कार्यालय ने अधिकारियों से यह पता करने के लिए कहा है कि क्या उन्होंने बेलिस के मामले में उचित प्रक्रियाओं का पालन किया है।
शार्लोट बेलिस ने बताया कि वह अल जजीरा के लिए अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को कवर करने के लिए काम कर रही थीं। उससे पहले जब वह कतर में काम कर रही थीं तब उन्हें जानकारी हुई कि वह अपने साथ बतौर फ्रीलांस फोटोग्राफर काम करने वाले जिम ह्यूलेब्रोक के बच्चे की मां बनने वाली हैं लेकिन कतर में विवाहेतर यौन संबंध अवैध है। इसलिए उन्हें कतर छोड़ना पड़ा। उसके बाद वो जिम के मूल देश बेल्जियम चली गईं। लेकिन वहां की निवासी न होने के कारण उन्हें बेल्जियम छोड़ना पड़ा।
वहां से वह वापस अफगानिस्तान आ गईं लेकिन नवंबर में उन्होंने अल जजीरा से इस्तीफा दे दिया। उनके मित्र जिम ह्यूलेब्रोक द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम करते हैं। वह मई में जिम के बच्चे को जन्म देने वाली हैं। अफगानिस्तान में वह बार-बार न्यूजीलैंड वापसी का प्रयास कर रही हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है।
बेलिस ने बताया कि तालिबान के लोगों ने उनसे संपर्क किया और कहा है कि वह लोगों को पूछने पर बस यही बताएं कि वह शादीशुदा हैं और अगर फिर भी उन्हें कोई दिक्कत होती है तो वह उनसे कॉल करके संपर्क करें। उन्हें चिंता करने की कोई बात नहीं है। वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
मालूम हो कि न्यूजीलैंड कोरोना महामारी के खिलाफ काफी मजबूती से लड़ रही है और उसने इस महामारी को लगभग मात दे दी है लेकिन वायरस के प्रसार को न्यूनतम रखने के लिए न्यूजीलैंड में कोरोना को लेकर सख्त नियम लागू हैं। नियमों के अनुसार विदेश से लौटने वाले नागरिकों को सेना द्वारा चलाए जा रहे क्वरंटाइन होटलों में 10 दिन आइसोशन में बिताने होंगे।