"नया भारत आपके घर में घुसकर मारता है...", यूएन में पाकिस्तान के दूत ने पाक सहित अन्य देशों में हुई "टार्गेट किलिंग" को मुद्दा बनाते हुए कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 22, 2024 11:38 AM2024-05-22T11:38:28+5:302024-05-22T11:42:37+5:30
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर शायद पाकिस्तान की यह अपनी तरह की पहली स्वीकारोक्ति है कि 'नया भारत बेहद खतरनाक' है।

एएनआई
न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच पर शायद पाकिस्तान की यह अपनी तरह की पहली स्वीकारोक्ति है कि "नया भारत बेहद खतरनाक है"। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी राजदूत मुनीर अकरम ने पाकिस्तान समेत अन्य देशों में हुई कथित टार्गेट किलिंग को लेकर कहा।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार यूएन में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने भी एक प्रमुख अमेरिकी दैनिक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि "नया भारत आपको घर में घुसकर मारता है"।
2 मई को महासभा को संबोधित करते हुए अकरम ने कहा, "पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद और साथ ही महासभा के महासचिव को पाकिस्तान में भारत द्वारा कराई जा रही 'टार्गेट किलिंग' अभियान के बारे में सूचित किया है। यह पड़ोसी राज्य द्वारा फैलाया जा रहा है आतंकवाद है और यह केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं है। कनाडा में राजनीतिक विरोधियों की टार्गेट किलिंग में भारत का हाथ है और संभवतः अमेरिका सहित अन्य देशों में भी इस तरह का प्रयास किया गया है।"
वाशिंगटन पोस्ट ने इस संबंध में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह भारत में अपने समर्थकों से कहा था, "मैं यह कहना चाहता हूं कि आज भारत के दुश्मन भी जानते हैं कि यह मोदी है। यह नया भारत है। यह नया भारत आपके घर में घुसकर मारता है। वहीं संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने यह भी आरोप लगाया कि यह नया भारत एक खतरनाक इकाई है और यह सुरक्षा नहीं बल्कि असुरक्षा का जन्मदाता है।
इससे पहले शीर्ष ब्रिटिश दैनिक द गार्जियन ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत सरकार ने "विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने की व्यापक रणनीति" के तहत पाकिस्तान के अंदर वांछित व्यक्तियों की हत्याएं कराई हैं।
इसमें खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि 2023 में टार्गेट किलिंग में काफी वृद्धि हुई है, जिसमें लगभग 15 लोगों की संदिग्ध मौतों में भारत की संलिप्तता का दावा किया गया है। जिनमें से अधिकांश को अज्ञात बंदूकधारियों ने करीब से गोली मार दी थी।
इससे पहले पश्चिम के कुछ देशों ने इस बात पर चिंता जताते हुए दावा किया था कि ये टार्गेट किलिंग भारत सरकार के इशारे पर उनकी धरती पर हुईं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कथित तौर पर भारत सरकार के 'एजेंटों' पर साल 2020 में खालिस्तानी नेता और एनआईए द्वारा घोषित आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करने का आरोप लगाया था। हालांकि, भारत ने इस दावे को 'बेतुका' बताकर खारिज कर दिया था।
निज्जर की पिछले साल जून में एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या का एक कथित वीडियो क्लिप कथित तौर पर इस साल मार्च में सामने आया था, जिसमें निज्जर को हथियारबंद लोगों द्वारा गोली मारते हुए दिखाया गया था, जिसे 'कॉन्ट्रैक्ट किलिंग' बताया गया था।
निज्जर मामले में एक हालिया घटनाक्रम में कनाडाई पुलिस ने पिछले जून में ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर अलगाववादी खालिस्तानी नेता की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया था।
उन गिरफ्तारियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा में भारत द्वारा घोषित आतंकवादी की हत्या में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई सबूत मिलने से इनकार किया था।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, "मैंने यह भी पढ़ा है कि एक और गिरफ्तारी हुई है। यदि वह व्यक्ति भारतीय नागरिक है तो आमतौर पर कांसुलर द्वारा आप मूल देश की सरकार या दूतावास को सूचित करते हैं। लेकिन इससे परे हम लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि अगर कनाडा में किसी भी घटना में भारत का हाथ है तो कनाडा सबूत पेश करे। हम उसकी जांच करने के लिए तैयार हैं।''
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि किसी भी भारतीय नागरिक की गिरफ्तारी से आमतौर पर सरकार या दूतावास को सूचना मिल जाती है, लेकिन भारतीय एजेंसियों द्वारा जांच को उचित ठहराने वाला कोई विशेष सबूत आज तक प्राप्त नहीं हुआ है।
विदेश मंत्री ने एक सम्मेलन में कहा, "हमें आज तक ऐसा कुछ भी नहीं मिला है, जो हमारी जांच एजेंसियों द्वारा जांच किए जाने लायक हो और मुझे नहीं पता कि पिछले कुछ दिनों में इस संबंध में कुछ भी बदला है।
एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने भी बताया कि कनाडा ने औपचारिक रूप से गिरफ्तारियों के बारे में सूचित नहीं किया है और भारत को अभी तक कोई कांसुलर एक्सेस अनुरोध नहीं मिला है।
निज्जर हत्या के सिलसिले में कनाडा द्वारा गिरफ्तार किए गए चौथे भारतीय के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "हमने चौथे व्यक्ति की गिरफ्तारी की रिपोर्ट देखी है। हमें इसके बारे में औपचारिक रूप से सूचित नहीं किया गया है। अब तक हमे कांसुलर एक्सेस के कोई अनुरोध नहीं मिला है।''
इससे पहले आम चुनावों के लिए प्रचार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पश्चिमी पड़ोसी के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत अब आतंकवाद पर डोजियर नहीं भेजता है, बल्कि आतंकवादियों को खत्म कर देता है।
पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के लातूर में एक चुनावी रैली में कहा, “आज भारत दस्तावेज़ नहीं भेजता है। आज भारत घर में घुस के मारता है।''
केंद्र में पिछली कांग्रेस सरकारों की तुलना में उनकी सरकार आतंकवाद से कैसे निपटती है, इस अंतर पर विस्तार से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान को डोजियर सौंपने के पहले के दृष्टिकोण को वांछित आतंकी साजिशकर्ताओं को उनके क्षेत्र में बाहर करने से बदल दिया गया है।
एक अलग रैली में पीएम मोदी ने इंडिया ब्लॉक के नेता फारूक अब्दुल्ला की उस टिप्पणी को दोहराते हुए कहा, "पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं और वह एक परमाणु संपन्न राष्ट्र है, उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं, अरे भाई पहन लेंगे। पाकिस्तानियों के पास चूड़ियाँ तक नहीं हैं, हम उन्हें कुछ चूड़ियाँ पहनाएँगे।"
पीएम मोदी ने मुजफ्फरपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ''ये कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लोग इतने डरे हुए हैं कि उन्हें सपने में भी पाकिस्तान के परमाणु बम दिखाई देते हैं। क्या ऐसी पार्टियां और गठबंधन देश की सरकार चला सकते हैं? वे कहते हैं, 'पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं'। अब हमें तो मालूम नहीं कि उनके पास चूड़ियां भी नहीं हैं। हम उन्हें कुछ चूड़ियां पहनाएंगे। वे गेहूं के लिए रो रहे हैं, उनके पास बिजली नहीं है और अब उनके पास पहनने के लिए चूड़ियाँ भी नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, "कुछ लोग उरी और पुलवामा आतंकी हमलों के बाद भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर संदेह कर रहे हैं। ये नेता हमारी सेनाओं के मनोबल को कमजोर करना चाहते हैं और हमारी परमाणु शक्ति पर संदेह करना चाहते हैं। ऐसा लगता है जैसे 'इंडिया गठबंधन ने भारत के खिलाफ सुपारी' ले ली है।"
अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने पहले खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश में एक सरकारी कर्मचारी सहित दो भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जो एक कनाडाई नागरिक भी था और जिसके पास अमेरिकी नागरिकता भी थी।
अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग के अनुसार, एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता, जो वर्तमान में हिरासत में है। उन पर पन्नून की हत्या का आरोप लगा है। अमेरिकी न्याय विभाग ने दावा किया कि एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसकी पहचान दायर अभियोग में नहीं की गई थी, उसने कथित तौर पर पन्नून की हत्या करने के लिए एक हिटमैन को नियुक्त करने के लिए गुप्ता को भर्ती किया था, जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने फेल कर दिया था। भारत ने मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।