नेपाल की जमीन कब्जाने में लगा चीन, नो-मैन्स लैंड क्षेत्र के भीतर रुइला सीमा पर लगाई बाड़, नागरिक समूह ने सौंपा ज्ञापन

By अनिल शर्मा | Published: July 20, 2022 07:29 AM2022-07-20T07:29:25+5:302022-07-20T07:42:33+5:30

स्थानीय लोगों के मुताबिक बाड़, सीमा पर संरचना का निर्माण करते समय किसी भी मानदंड का पालन किए बिना बनाया गया है। रुइला सीमा पर चीनी पक्ष के अवैध कब्जे के बारे में न तो विदेश मंत्रालय और न ही गोरखा के जिला प्रशासन कार्यालय को पता है।

Nepal civil group submits memorandum to claim China-encroached land | नेपाल की जमीन कब्जाने में लगा चीन, नो-मैन्स लैंड क्षेत्र के भीतर रुइला सीमा पर लगाई बाड़, नागरिक समूह ने सौंपा ज्ञापन

नेपाल की जमीन कब्जाने में लगा चीन, नो-मैन्स लैंड क्षेत्र के भीतर रुइला सीमा पर लगाई बाड़, नागरिक समूह ने सौंपा ज्ञापन

Highlightsनेपाल की भूमिक पर बाड़ बनाने को लेकर नागरिक समूह ने गरीबी उन्मूलन मंत्री शशि श्रेष्ठ को एक ज्ञापन सौंपा हैस्थानीय लोगों के मुताबिक, चीन ने गोरखा में चुमानुबरी ग्रामीण नगर पालिका -1 की रुइला सीमा पर एक बाड़ खड़ा कर दिया है

काठमांडूः नेपाल में एक नागरिक समूह ने भूमि प्रबंधन, सहकारिता और गरीबी उन्मूलन मंत्री शशि श्रेष्ठ को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें चीन के कब्जे वाले देश के क्षेत्र पर दावा करने की मांग की गई है।

राष्ट्रीय एकता अभियान के अध्यक्ष बिनय यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को काठमांडू में मंत्री को ज्ञापन सौंपा। नागरिक निकाय ने मंत्री का ध्यान चीन की नवीनतम घुसपैठ की ओर भी आकर्षित किया जिससे बीजिंग पक्ष ने विपरीत पक्ष के साथ समन्वय किए बिना गोरखा में चुमानुबरी ग्रामीण नगर पालिका -1 की रुइला सीमा पर एक बाड़ खड़ा कर दिया।

अध्यक्ष यादव ने ज्ञापन में कहा, "रूइला समेत नेपाल-चीन सीमा के विभिन्न इलाकों में अंतरराष्ट्रीय कानून और मूल्यों का उल्लंघन न केवल दोनों देशों की दोस्ती का अपमान है, बल्कि नेपाल की संप्रभुता को भी सीधी चुनौती है।"

 बिनय यादव ने कहा कि नेपाल की निंदा के बावजूद चीन द्वारा नेपाल की क्षेत्रीय अखंडता पर बार-बार किए गए हमलों ने बीजिंग पक्ष को अपने अवैध इरादों को अंजाम देने से नहीं रोका है। उन्होंने वर्तमान सरकार के सत्ता में आने पर नेपाल-चीन सीमा पर अतिक्रमण के खिलाफ उठाए गए कदमों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, हालांकि सरकार द्वारा किए गए कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद, सीमा पर अतिक्रमण जारी है।

ज्ञापन में कहा गया है: "हम सीमा अतिक्रमण के खिलाफ इस सरकार द्वारा निर्णायक और सख्त कार्रवाई की उम्मीद करते हैं, एकता अभियान अपने हर कदम में सरकार का पूरा समर्थन और सहयोग करना जारी रखेगा।" इससे पहले जून में, एक स्थानीय नेपाली मीडिया ने उत्तरी गोरखा में नो-मैन्स-लैंड के बगल में एक बाड़ का निर्माण चीन द्वारा नेपाली भूमि के अतिक्रमण के बारे में बताया था।

स्थानीय लोगों के मुताबिक बाड़, सीमा पर संरचना का निर्माण करते समय किसी भी मानदंड का पालन किए बिना बनाया गया है। रुइला सीमा पर चीनी पक्ष के अवैध कब्जे के बारे में न तो विदेश मंत्रालय और न ही गोरखा के जिला प्रशासन कार्यालय को पता है।

गोरखा के मुख्य जिला अधिकारी शंकर हरि आचार्य ने सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की। अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक नो मैन्स लैंड में कोई ढांचा या बाड़ नहीं बनाई जा सकती। इस तरह की कार्रवाई के लिए द्विपक्षीय सहमति की आवश्यकता है।

हालांकि, स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन किए बिना नो-मैन्स लैंड क्षेत्र के भीतर रुइला सीमा पर बाड़ लगा दी है। बाड़ लगाने के चीन के अवैध कब्जे से सीमा पार स्थानीय लोगों की आवाजाही ठप हो गई है। स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें दैनिक जरूरत का सामान लाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

Web Title: Nepal civil group submits memorandum to claim China-encroached land

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