लाइव न्यूज़ :

Nepal Bus Accident: महाराष्ट्र में जलगांव के वरणगांव, दरियापुर, तलवेल और भुसावल के रहने वाले थे तीर्थयात्री, 3 बस में सवार थे 104 लोग, गांव में मातम, देखें फोटो और वीडियो

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 24, 2024 12:28 IST

Nepal Bus Accident: पुलिस उपाधीक्षक दीपक राय के हवाले से कहा गया है कि पोस्टमार्टम के लिए शवों को अन्बू खैरेनी अस्पताल से चितवन ले जाया गया।

Open in App
ठळक मुद्देNepal Bus Accident: भारतीय वायु सेना का एक विमान शवों को आज नासिक लाएगा। Nepal Bus Accident: चालक और दो सहायकों समेत 43 यात्री सवार थे।Nepal Bus Accident: घटना नेपाल के चितवन जिले में अन्बू खैरेनी इलाके में दोपहर को हुई।

Nepal Bus Accident: नेपाल में बस दुर्घटना में जान गंवाने वाले 27 भारतीय तीर्थयात्रियों का पोस्टमार्टम शनिवार को बागमती प्रांत के एक अस्पताल में किया जा रहा है। इसके बाद शव महाराष्ट्र ले जाए जाएंगे। मीडिया में एक खबर में यह जानकारी दी गयी है। मध्य नेपाल में एक भारतीय पर्यटक बस शुक्रवार को राजमार्ग से पलटकर 150 मीटर नीचे तेज बहाव वाली मर्स्यांगदी नदी में गिर गई, जिससे कम के कम 27 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए। समाचार पोर्टल ‘माई रिपब्लिका’ की एक खबर के अनुसार, बागमती प्रांत के चितवन जिले में भरतपुर अस्पताल में पोस्टमार्टम किया जा रहा है। खबर में पुलिस उपाधीक्षक दीपक राय के हवाले से कहा गया है कि पोस्टमार्टम के लिए शवों को अन्बू खैरेनी अस्पताल से चितवन ले जाया गया।

महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को मुंबई में एक विज्ञप्ति में बताया कि भारतीय वायु सेना का एक विमान शवों को आज नासिक लाएगा। पुलिस के अनुसार, यह घटना नेपाल के चितवन जिले में अन्बू खैरेनी इलाके में दोपहर को हुई। यह बस गोरखपुर से थी और इसमें चालक और दो सहायकों समेत 43 यात्री सवार थे। बस पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी।

नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के उप प्रवक्ता शैलेंद्र थापा ने कहा कि 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी जबकि 11 लोगों की उपचार के दौरान मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि घायल हुए 16 लोगों को विमान से काठमांडू लाया गया और उन्हें त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हादसे की वजह का अभी पता नहीं चला है।

दुर्घटना स्थल काठमांडू से करीब 90 किलोमीटर पश्चिम में राष्ट्रीय राजधानी पर स्थित है। उत्तर प्रदेश की नंबर प्लेट वाली बस मर्स्यांगदी नदी के किनारे ऊंचाई पर स्थित एक सड़क से करीब 150 मीटर नीचे गिरी। बस को एक क्रेन की सहायता से बाहर निकाला जाएगा।

खबर के मुताबिक, बस में सवार यात्री 104 भारतीय तीर्थयात्रियों के एक समूह का हिस्सा थे, जो दो दिन पहले हिमालयी देश की 10-दिवसीय यात्रा के लिए तीन बसों में सवार होकर महाराष्ट्र से नेपाल पहुंचे थे। अधिकारियों ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले मुंबई से 470 किलोमीटर दूर जलगांव जिले के वरणगांव, दरियापुर, तलवेल और भुसावल से थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नेपाल में सड़क दुर्घटना में कम से कम 27 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत पर दुख जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, "नेपाल के तनहुन जिले में सड़क दुर्घटना के कारण लोगों की मौत से दुखी हूं। शोकसंतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।

भारतीय दूतावास प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है।’’ मध्य नेपाल में एक भारतीय बस शुक्रवार को राजमार्ग से पलटकर 150 मीटर नीचे तेज बहाव वाली नदी में गिर गई, जिससे कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई जबकि 16 अन्य घायल हो गये। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की यह बस पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी, तभी तनहुन जिले के आइना पहारा में राजमार्ग से पलट गई।

टॅग्स :नेपालउत्तर प्रदेशमहाराष्ट्रमुंबई
Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

भारतयूपी में निजी संस्थाएं संभालेंगी 7,560 सरकारी गोआश्रय स्थल, पीपीपी मॉडल पर 7,560  गोआश्रय स्थल चलाने की योजना तैयार

भारतमुजफ्फरनगर की मस्जिदों से 55 से ज्यादा लाउडस्पीकर हटाए गए

विश्व अधिक खबरें

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?