म्यांमा से भारत, थाईलैंड लगभग दस हजार शरणार्थी गये: बर्गनर

By भाषा | Updated: June 21, 2021 13:28 IST2021-06-21T13:28:08+5:302021-06-21T13:28:08+5:30

Nearly 10,000 refugees from Myanmar to India, Thailand: Bergner | म्यांमा से भारत, थाईलैंड लगभग दस हजार शरणार्थी गये: बर्गनर

म्यांमा से भारत, थाईलैंड लगभग दस हजार शरणार्थी गये: बर्गनर

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 21 जून म्यांमा संबंधी मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष दूत ने कहा कि देश में राष्ट्रव्यापी संघर्षों के कारण लगभग 10,000 शरणार्थी म्यांमा से भारत और थाईलैंड भाग गए हैं और इस संकट के कारण पैदा हुआ क्षेत्रीय खतरा वास्तविक है।

महासचिव एंतोनियो गुतारेस की म्यांमा में विशेष दूत क्रिस्टीन श्रानर बर्गनर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा से कहा, ‘‘म्यांमा में सभी पक्षों के साथ दैनिक संवाद के दौरान मुझे गंभीर हालात का पता चला है। लोग अभावों में रह रहे हैं, उनके पास कोई उम्मीद नहीं है और वे डर में जी रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोई अंतरराष्ट्रीय कदम न उठाए जाने के बीच आम नागरिक रक्षा बल बना रहे हैं। वे स्व-निर्मित हथियारों का उपयोग करते हैं और जातीय सशस्त्र संगठनों से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। देश के उन क्षेत्रों में भी अशांति है, जिन्होंने दशकों से सशस्त्र संघर्ष नहीं देखा है।’’ बर्गनर ने कहा, ‘‘मध्य म्यांमा और चीन, भारत एवं थाईलैंड की सीमा से लगे क्षेत्रों समेत पूरे देश में संघर्षों के कारण लगभग 1,75,000 नागरिक विस्थापित हुए हैं और करीब 10,000 शरणार्थी भारत और थाईलैंड भाग गए हैं। संकट का क्षेत्रीय खतरा वास्तविक है। हमें अधिकतम संयम का आह्वान करते रहना चाहिए और सभी प्रकार की हिंसा की निंदा करनी चाहिए। बड़े पैमाने पर गृहयुद्ध का खतरा वास्तविक है।’’

उन्होंने कहा कि चूंकि एशिया के बीचोंबीच यह क्षेत्र एक बहुआयामी संकट का सामना कर रहा है, ऐसे में ‘‘समय से हमारा सहयोग और कार्रवाई बहुत जरूरी है’’। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को रोहिंग्या लोगों को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि रोहिंग्या की स्थिति गंभीर है और महासभा को इस मामले को संज्ञान में रखना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने म्यांमा की सैन्य सरकार के खिलाफ व्यापक वैश्विक विरोध प्रकट करते हुए शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर देश में सैन्य तख्तापलट की निंदा की। महासभा ने उसके खिलाफ शस्त्र प्रतिबंध का आह्वान किया तथा लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को बहाल करने की मांग की है। हालांकि भारत समेत 36 देशों ने इस प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत का कहना है कि मसौदा प्रस्ताव उसके विचारों को प्रतिबिम्बित नहीं करता।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुक्रवार को ‘म्यांमा में स्थिति’ मसौदा प्रस्ताव को स्वीकृत किया। इसके पक्ष में 119 देशों ने मतदान किया जबकि म्यांमा के पड़ोसी देश भारत, बांग्लादेश, भूटान, चीन, नेपाल, थाईलैंड और लाओस समेत 36 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। बेलारूस एकमात्र ऐसा देश था जिसने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश आज का मसौदा प्रस्ताव पड़ोसी एवं क्षेत्रीय देशों से सलाह किये बगैर जल्दबादी में लाया गया। यह न सिर्फ गैरमददगार है बल्कि म्यांमा में मौजूदा स्थिति का समाधान तलाशने के लिए आसियान के प्रयासों के प्रतिकूल भी साबित हो सकता है।

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Web Title: Nearly 10,000 refugees from Myanmar to India, Thailand: Bergner

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