इस्लामाबाद:पाकिस्तान सरकार इमरान खान की रिहाई का आदेश देने वाले पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को हटाने की तैयारी में है। सोमवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली द्वारा सीजेपी के खिलाफ रेफरेंस लाने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसके तहत पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के खिलाफ एक समिति के गठन के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, सदन के नियमित कामकाज को स्थगित करने के बाद नेशनल असेंबली में इससे जुड़ा एक प्रस्ताव पेश किया गया।
इससे पहले दिन में सदन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस बात पर जोर दिया कि संसद को अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए कड़ा संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का एक वर्ग भ्रष्टाचार के मामलों में पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान को 'अभूतपूर्व रियायतें' दे रहा है। नेता प्रतिपक्ष राजा रियाज ने अपनी टिप्पणी में देश में हाल में हुई हिंसक घटनाओं की कड़ी निंदा की। ये हिंसक घटनाएं इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई थीं।
उन्होंने कहा कि लाहौर में कोर कमांडर हाउस और शहीद स्मारकों पर हमला करने वाले देश के दुश्मन हैं। रियाज ने इन घृणित कृत्यों के लिए 'पीटीआई' समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के साथ पूर्ण एकजुटता व्यक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। एमक्यूएम के सलाहुद्दीन ने कहा कि हालिया हिंसक कृत्य असहनीय हैं। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान को 'रियायतें' दे रही है, जिनके इशारे पर सार्वजनिक और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़ की गई।
आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के एक मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद पड़ोसी मुल्क में कई जगहों पर हिंसक घटनाएं देखने को मिली थी। यहां तक की इमरान खान और पीटीआई समर्थकों ने सेना के मुख्यालय में भी धावा बोल दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन्हें तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था। मौजूदा सत्ता ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आलोचना की थी।