मुंबई विस्फोट के अपराधियों को पाकिस्तान ने सुरक्षा दी, पांच सितारा होटल में रखा; आतंकवाद को लेकर UN में भारत
By अनिल शर्मा | Published: January 19, 2022 10:54 AM2022-01-19T10:54:15+5:302022-01-19T11:07:35+5:30
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने 'ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल' द्वारा आयोजित सम्मेलन में कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने अपनी रणनीति को बदल दिया है, जिसका ध्यान अब सीरिया और इराक में पैर जमाने पर है।
न्यूयॉर्कः भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को एक बार फिर से घेरा। भारत ने अन्डरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के संभवत: पाकिस्तान में होने का परोक्ष जिक्र करते हुए संयुक्त राष्ट्र में मंगलवार को कहा कि 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के जिम्मेदार अपराधियों को न केवल सरकारी संरक्षण दिया गया, बल्कि उन्होंने एक पांच सितारा होटल में आतिथ्य सत्कार का आनंद भी लिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ‘वैश्विक आतंकवाद रोधी परिषद’ द्वारा आयोजित ‘आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2022’ में कहा कि आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध के बीच संबंधों की पहचान की जानी चाहिए और इस समस्या से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि 1993 के मुंबई बम धमाकों के लिए जिम्मेदार अपराध सिंडिकेट को न केवल सरकारी संरक्षण दिया गया, बल्कि उसने पांच सितारा होटल में आतिथ्य सत्कार का आनंद भी लिया।’’ तिरुमूर्ति ने ‘डी-कंपनी’ और उसके प्रमुख इब्राहिम को परोक्ष रूप से निशाना बनाकर यह बयान दिया। ऐसा माना जाता है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में छिपा हुआ है। अगस्त 2020 में, पाकिस्तान ने पहली बार अपनी धरती पर इब्राहिम की मौजूदगी को तब स्वीकार किया था जब सरकार द्वारा 88 प्रतिबंधित आतंकी समूहों और उनके नेताओं पर व्यापक प्रतिबंध लगाए गए थे।
संयुक्त राष्ट्र सदस्यों की आतंकवाद को वर्गीकृत करने की प्रवृत्ति खतरनाक
भारत ने 'अपने राजनीतिक, धार्मिक एवं अन्य मकसदों' के चलते आतंकवाद का वर्गीकरण करने की संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्यों की प्रवृत्ति को खतरनाक करार दिया। टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि ‘‘अपने राजनीतिक, धार्मिक एवं अन्य मकसदों’’ के चलते संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्यों की कट्टरपंथ से प्रेरित हिंसक अतिवादी और दक्षिणपंथी अतिवादी जैसे वर्गों में आतंकवाद का वर्गीकरण करने की प्रवृत्ति खतरनाक है और यह दुनिया को 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हुए हमलों से पहले की उस स्थिति में ले जाएगी, जब ‘‘आपके आतंकवादी’’ और ‘‘मेरे आतंकवादी’’के रूप में आतंकवादियों का वर्गीकरण किया जाता था। तिरुमूर्ति ने कहा कि इस तरह की प्रवृत्ति हाल में अपनाई गई वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति के तहत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा स्वीकृत कुछ सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह रणनीति स्पष्ट करती है कि हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा की जानी चाहिए और आतंकवाद को किसी भी प्रकार से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
अलकायदा के रिश्ते लश्कर एवं जैश जैसे आंतकी समूहों से और मजबूत हो रहे
स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि अलकायदा के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के साथ संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम से आतंकी समूहों को दोबारा ऊर्जा मिली है। उन्होंने आगे कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने अपनी रणनीति को बदल दिया है, जिसका ध्यान अब सीरिया और इराक में पैर जमाने पर है और इसके क्षेत्रीय सहयोगी अपने विस्तार को मजबूत कर रहे हैं, खासकर अफ्रीका और एशिया में। तिरुमूर्ति ने कहा कि 2001 में 9/11 का आतंकवादी हमला ''आतंकवाद के प्रति हमारे दृष्टिकोण को लेकर एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।''