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कोविड-19 महामारी के बीच एक और बीमारी ने दी दस्तक, 100 में से 10 रोगियों के मरने का होता है खतरा

By अभिषेक पारीक | Updated: June 11, 2021 15:17 IST

दुनिया में कोविड-19 महामारी से दुनिया जूझ रही है। ऐसे में हर कोई चाहता है कि यह महामारी दुनिया से जल्द से जल्द विदा हो। हालांकि अब एक नई बीमारी ने चिंता पैदा कर दी है।

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ठळक मुद्देब्रिटेन के नॉर्थ वेल्स में मंकीपॉक्स के दो मामले सामने आए हैं। मंकीपॉक्स में भी स्मॉलपॉक्स जैसे ही लक्षण देखने को मिलते हैं। दो प्रमुख स्ट्रेन होते हैं, पश्चिमी अफ्रीकी और दूसरा मध्य अफ्रीकी स्ट्रेन। 

दुनिया में कोविड-19 महामारी से दुनिया जूझ रही है। ऐसे में हर कोई चाहता है कि यह महामारी दुनिया से जल्द से जल्द विदा हो। हालांकि अब एक नई बीमारी ने चिंता पैदा कर दी है। ब्रिटेन के नॉर्थ वेल्स में मंकीपॉक्स के दो मामले सामने आए हैं।

नॉर्थ वेल्स के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीमारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक ही परिवार के दो सदस्यों में यह बीमारी सामने आई है। जिसके चलते दोनों मरीजों के शरीर में दाने आए हैं। साथ ही खुजली, दर्द और बुखार जैसी समस्याएं सामने आई हैं। 

दोनों मरीजों पर स्वास्थ्य अधिकारी नजदीक से नजर बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि मंकीपॉक्स की पुष्टि होना दुर्लभ घटना है। हालांकि उन्होंने कहा कि इससे आम लोगों को बहुत कम खतरा है। उन्होंने कहा कि मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर ली गई है और संक्रमण दूसरे लोगों तक नहीं पहुंचे। इसके लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। 

ऐसे समझिए मंकीपॉक्स को 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स में भी स्मॉलपॉक्स जैसे ही लक्षण देखने को मिलते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में शरीर पर दाने आना, बुखार होना आदि हैं। स्मॉलपॉक्स के मुकाबले यह कम गंभीर होते हैं। यह आमतौर पर जंगली जानवरों जैसे चूहों या बंदरों द्वारा इंसानों में फैलती है। हालांकि एक संक्रमित व्यक्ति दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। इस बीमारी से ग्रसित होने वाले सौ में से 10 लोगों के मरने की आशंका होती है। 

मुख्य रूप से दो स्ट्रेन

यह उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के नजदीक स्थित मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों के सुदूर इलाकों में हिस्सों में पाया जाता है। इस  वायरस के मुख्यतः दो स्ट्रेन हैं। जिसमें एक पश्चिमी अफ्रीकी और दूसरा मध्य अफ्रीकी स्ट्रेन के नाम से जाने जाते हैं। 

पहली बार कांगो में सामने आया मामला

मंकीपॉक्स की पहचान पहली बार 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (तब जैरे के रूप में जाना जाता था) में हुई थी। जिसके बाद 11 अफ्रीकी देशों में भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आए। अफ्रीका में मंकीपॉक्स से मृत्यु दर का अनुमान 1 फीसद से 15 फीसद तक है। इनमें सबसे ज्यादा जोखिम बच्चों को होता है। कांगो में एक अध्ययन के दौरान मृत्यु दर 10 फीसद थी। 

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