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ब्रिटेन में कोविड पाबंदियों से “आजादी दिवस” पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं

By भाषा | Updated: July 19, 2021 17:45 IST

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लंदन, 19 जुलाई (एपी) इंग्लैंड में करीब एक साल से ज्यादा समय तक लागू रहे लॉकडाउन, मास्क संबंधी अनिवार्यता और कोविड-19 महामारी से संबंधित पाबंदियां जब सोमवार को हटीं तो इंग्लैंड में सड़कों से लेकर बार और नाइटक्लब और डांस फ्लोर पर लोगों ने इस “स्वतंत्रता” का जमकर जश्न मनाया।

मीडिया ने पाबंदियों को हटाए जाने को “फ्रीडम डे” (स्वतंत्रता दिवस) करार दिया था और क्लब जाने वालों और नाइटक्लबों के मालिकों के लिये वाकई ये किसी ‘आजादी’ से कम नहीं था। लंबे समय बाद वे मास्क लगाने की अनिवार्यता, एक दूसरे से दूर-दूर बैठने (सोशल डिस्टेंसिंग) और ऐसी ही अन्य पाबंदियों के पीछे छूटने और ‘कोविड काल’ से पहले के माहौल का लोग लुत्फ उठा रहे थे।

हालांकि लॉकडाउन की पाबंदियों से बाहर निकलने को लेकर कई ब्रिटेनवासी असहज भी दिखे क्योंकि वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि ऐसे समय में जब संक्रमण घट नहीं रहा बल्कि बढ़ रहा है तब ब्रिटेन जोखिम भरे रास्ते पर बढ़ रहा है।

सोमवार से इंग्लैंड में मास्क लगाना कानूनी रूप से जरूरी नहीं है और सामाजिक दूरी के नियमों में भी छूट दे दी गई है ऐसे में थियेटरों या बड़े कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या पर भी कोई सीमा नहीं है। बीते करीब 18 महीनों में पहली बार नाइटक्लब को खोलने की इजाजत दी गई है और लंदन से लेकर लीवरपूल तक हजारों लोगों ने मध्यरात्रि से ही नाचकर “जश्न-ए-आजादी” मनाना शुरू कर दिया।

लंदन के ‘द पियानो वर्क्स क्लब’ गए मार्क ट्रॉय ने कहा, “यह सबसे खुशी का मौका है। मुझे नाचना अच्छा लगता है और मेरी मित्र-मंडली में भी सभी को नाचना अच्छा लगता है। हम बीते करीब डेढ़ सालों से ऐसा नहीं कर पा रहे थे इसलिए इसे लेकर हम बहुत उत्साहित हैं।”

इस जगह काम करने वाली सोशल मीडिया मार्केटिंग प्रबंधक कैटी मूरहाउस ने कहा कि लोग पियानों पर अच्छी तेज धुन के साथ थिरकने के लिये तरस रहे थे। मनोरंजन के क्षेत्र से जुड़े लोग जहां खुश हैं वहीं बहुत से अन्य लोग पाबंदियों को ऐसे समय हटाने के ब्रिटिश सरकार के फैसले से नाखुश व चिंतित हैं जब पहली बार भारत में सामने आए बेहद संक्रामक डेल्टा वायरस के कारण कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

जनवरी के बाद से पहली बार पिछले हफ्ते एक दिन में 50 हजार से ज्यादा संक्रमण के नए मामले सामने आए यद्यपि संक्रमण के कारण होने वाली मौत के मामलों में कमी जरूर है।

प्रधानमंत्री बोरिज जॉनसन ने लोगों से संयम बरतने का अनुरोध किया और बीमारी के गंभीर जोखिम के प्रति अब भी सचेत रहने को कहा। स्थिति किस कदर अस्थिर बनी हुई है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन “फ्रीडम डे” पृथकवास में रहकर गुजार रहे हैं।

वैश्विक तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि गिरावट की अवधि के बाद एक बार फिर संक्रमण के मामले और मौत बढ़ रहे हैं जिसका एक बड़ा कारण पहली बार भारत में सामने आया बेहद संक्रामक डेल्टा वायरस है।

ब्रिटेन के तरह ही इजराइल और नीदरलैंड ने भी व्यापक टीकाकरण के बाद अपने लोगों पर से कई पाबंदियां हटा दी थीं लेकिन संक्रमण के मामले फिर बढ़ने के बाद इनमें से कुछ पाबंदियों को वापस लगाना पड़ा।

नीदरलैंड के प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि बहुत जल्दी पाबंदियां हटाना “एक गलती थी”।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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