मालदीव संकट: पूर्व राष्ट्रपति ने भारत से की सैन्य हस्तक्षेप करने की माँग, मोदी सरकार रखे हुए है हालात पर नज़र

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: February 7, 2018 10:03 IST2018-02-07T09:59:04+5:302018-02-07T10:03:55+5:30

मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यासीन के खिलाफ महाभियोग चलाने का आदेश दिया था। राष्ट्रपति यासीन ने शीर्ष अदालत का फैसला मानने से इनकार कर दिया। पुलिस ने मुख्य न्यायाधीश समेत कई जजों को गिरफ्तार कर लिया है।

Maldives Crisis: Former President Mohamed Nasheed Ask for India's Military Intervention, GOI is consciously watching | मालदीव संकट: पूर्व राष्ट्रपति ने भारत से की सैन्य हस्तक्षेप करने की माँग, मोदी सरकार रखे हुए है हालात पर नज़र

मालदीव संकट: पूर्व राष्ट्रपति ने भारत से की सैन्य हस्तक्षेप करने की माँग, मोदी सरकार रखे हुए है हालात पर नज़र

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार मालदीव संकट पर "मानक प्रक्रिया" (एसओपी) का पालन करेगी। एसओपी में सेना को मुस्तैद रखना भी शामिल है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंगलवार (छह फरवरी) को भारत से शांति सेना भेजने का "विनम्र अनुरोध" किया ताकि गिरफ्तार जजों और राजनीतिक बंदियों को छुड़ाया जा सके। मालदीव अभूतपूर्व राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला  के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के महाभियोग चलान का आदेश दिया था लेकिन राष्ट्रपति ने शीर्ष अदालत का फैसला मानने से इनकार कर दिया। फैसले के बाद मालदीव की पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत अन्य जजों और न्यायिक अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति नशीद समेत अन्य राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का भी आदेश दिया था। नशीद देश के पहले लोकतांत्रिक ढंग से चुने गये राष्ट्रपति थे। मालदीव सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इन राजनीतिक बंदियों पर गलत तरीके से मुकदमा चलाकर सजा दी गयी थी।

नशीद ने ट्वीट कर कहा कि वह मालदीव के लोगों की ओर से भारत से 'सेना समर्थित' राजनयिक भेजने का आग्रह कर रहे हैं ताकि पूर्व राष्ट्रपति मैमून अब्दुल गयूम समेत राजनीतिक बंदियों व न्यायाधीशों को रिहा करवाया जा सके। ब्रिटेन में आत्म-निर्वासित जीवन जी रहे नशीद ने अमेरिका से भी 'मालदीव सरकार के नेताओं के अमेरिकी बैंकों के सभी वित्तीय लेन-देन पर रोक' लगाने की अपील की है।

मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह नशीद समेत विपक्षी पार्टियों के नौ सदस्यों को रिहा करने और 12 निष्कासित सांसदों को पद पर बहाल करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के विरोध में सोमवार रात को राष्ट्रपति यामीन ने देश में 15 दिनों के आपातकाल की घोषणा की।

मालदीव पुलिस ने तड़के करीब तीन बजे प्रधान न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद और न्यायमूर्ति अली हमीद को गिरफ्तार कर लिया। इससे सात घंटे पहले सुरक्षा बलों ने परिसर को अपने कब्जे में ले लिया था। सेना ने कोर्ट इमारत को घेर लिया था और कर्मचारियों व न्यायाधीशों को सेना की निगरानी में रखा गया था। न्यायाधीशों को बाद में राजधानी माले से बाहर ले जाकर जेल में बंद कर दिया गया।

न्यायिक प्रशासक हसन सईद को भी मध्यरात्रि के बाद गिरफ्तार कर लिया गया और उनके घर पर दो बार छापा मारा गया। मालदीव पुलिस सेवा ने कहा था कि ऐसे कुछ सबूत हैं जो सईद और हमीद के खिलाफ हैं।

राष्ट्रपति यामीन ने सोमवार रात को आपातकाल की घोषणा की थी, जिससे तहत सुरक्षा बलों को लोगों को गिरफ्तार करने और लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति मिली।

मालदीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, आपातकाल का विरोध करने वाले और विपक्षी पार्टियों के साथ हाथ मिलाने वाले पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गयूम को भी सोमवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार होने से पहले गयूम ने एक वीडियो रिलीज कर लोगों से 'मजबूत बने रहने' का आग्रह किया था। उनके दामाद मोहम्मद नदीम को भी गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों पर सांसदों को घूस देने और सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप है। गयूम और नदीम को धूनीधो द्वीप में एक जेल ले जाया गया है।

मालदीव में पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के राजनीतिक बंदियों को रिहा करने के आदेश के बाद यहां राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है। कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति नशीद और पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब को भी आधिकारिक रूप से रिहा करने के आदेश दिए थे।

अदालत ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा था कि उन्हें बिना किसी प्रभाव के फिर से मुकदमे चलाए जाने तक निश्चित ही रिहा किया जाना चाहिए। सरकार ने पहले ही संसद को स्थगित कर दिया है और सेना को राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के सुप्रीम कोर्ट के किसी भी प्रयास को रोकने का आदेश दिया है।

इससे पहले यामीन ने सोमवार को कोर्ट के आदेश को लागू करने में होने वाली परेशानी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट को तीन पन्नों का पत्र लिखा था। अमेरिकी विदेश विभाग ने मालदीव के घटनाक्रम को 'परेशानी करने वाला और निराशा भरा' बताया। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने ट्वीट कर कहा कि दुनिया सबकुछ देख रही है।

ब्रिटिश विदेश सचिव बोरिस जॉनसन ने यामीन से देश में आपातकाल हटाने की मांग की है। जॉनसन ने अपने बयान में कहा कि मालदीव में लोकतांत्रिक संस्थान को क्षति पहुंचाना और संसदीय प्रकिया का दुरुपयोग काफी चिंताजनक है।

भारत, चीन और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए मालदीव की यात्रा के संबंध में चेतावनी जारी की है।

Web Title: Maldives Crisis: Former President Mohamed Nasheed Ask for India's Military Intervention, GOI is consciously watching

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