तालिबानी हमले की 10वीं बरसी के बाद पाकिस्तान पहुंचीं मलाला यूसुफजई, बाढ़ से तबाह क्षेत्रों की करेंगी यात्रा
By मनाली रस्तोगी | Published: October 11, 2022 02:26 PM2022-10-11T14:26:23+5:302022-10-11T14:27:57+5:30
मलाला यूसुफजई सिर्फ 15 साल की थीं, जब पाकिस्तानी तालिबान के आतंकवादियों ने लड़कियों की शिक्षा के लिए उनके अभियान को लेकर उनके सिर में गोली मार दी थी।
कराची: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई अपने ऊपर हुए घातक तालिबानी हमले के 10 साल बाद मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचीं। बता देन कि 9 अक्टूबर 2012 को तालिबान के बंदूकधारियों ने पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की हिमायत करने वाली 15 साल की मुखर वक्ता मलाला यूसुफजई को सिर में गोली मारी थी। हालांकि, मलाला इस घातक हमले में बच गई थीं। उन्हें इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया था।
मालूम हो, इस बार मलाला पाकिस्तान बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचीं। तालिबानी हमले की 10वीं बरसी के दो दिन बाद मलाला यूसुफजई अब तक दक्षिणी शहर कराची में शूटिंग के बाद से अपनी दूसरी यात्रा पर आई हैं। यहां से वो बाढ़ से तबाह क्षेत्रों की यात्रा करेंगी। उनके संगठन मलाला फंड ने एक बयान में कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य पाकिस्तान में बाढ़ के प्रभाव पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करने और महत्वपूर्ण मानवीय सहायता की आवश्यकता को सुदृढ़ करने में मदद करना है।
बताते चलें कि पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की हिमायत करने वाली मलाला यूसुफजई की बीबीसी के जरिए गुल मकई के नाम से दुनियाभर में गूंजती आवाज को दबाने के लिए तालिबान ने उनपर हमला किया था और सिर में गोली मारकर उनकी जान लेने की कोशिश की थी। स्कूल से घर लौट रही मलाला पर यह हमला घातक हुआ था। ब्रिटेन में लंबे इलाज के बाद वह ठीक हुईं और एक बार फिर अपने अभियान में जुट गईं। सबसे कम उम्र में शांति का नोबेल पाने वाली मलाला आतंकवादियों के बच्चों को भी शिक्षा देने की पक्षधर हैं, ताकि वह शिक्षा और शांति का महत्व समझें।