श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे ने रानिल विक्रमसिंघे के औपचारिक इस्तीफे के बाद गुरुवार को देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भाई हैं।
वह अगस्त 2020 में आम चुनाव होने तक कार्यवाहक मंत्रिमंडल के प्रधानमंत्री रहेंगे। महिन्दा राजपक्षे 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। 2018 में वह कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री भी रहे थे। गोटबाया ने बुधवार को तब महिन्दा को प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्त किया जब मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 16 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में अपने कनिष्ठ सजीत प्रेमदास की हार के बाद पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।
इससे पहले, महिन्दा को 26 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। सिरिसेना ने एक विवादास्पद कदम के तहत विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था जिससे देश में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया था।
देश के उच्चतम न्यायालय के दो महत्वपूर्ण आदेशों के बाद महिन्दा ने 15 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। महिन्दा राजपक्षे 1970 में 24 साल की उम्र में देश के सबसे युवा सांसद बने थे। अब वह 74 साल के हो चुके हैं। दोनों भाइयों-गोटबाया और महिन्दा ने निर्णायक कार्रवाई की जिसके तहत देश में लिट्टे के साथ तीन दशक से जारी गृहयुद्ध का खात्मा करने में मदद मिली। भाषा नेत्रपाल नरेश नरेश
विक्रमसिंघे ने त्यागपत्र सौंपा, सरकारी आवास भी खाली किया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को औपचारिक रूप से अपना त्यागपत्र सौंप दिया। विक्रमसिंघे ने इसके साथ ही अपने आधिकारिक आवास ‘टेम्पल ट्री’ को भी खाली कर दिया ताकि नए प्रधानमंत्री उसमें रह सकें। कोलंबो गजट ने यह जानकारी दी।
विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने कनिष्ठ सजीत प्रेमदास की हार के बाद बुधवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी। राष्ट्रपति चुनाव में गोटबाया विजयी रहे थे। जनवरी 2015 से नवंबर 2019 तक विक्रमसिंघे प्रधानमंत्री पद पर रहे।