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श्रीलंकाई नागरिक का लिंचिंग मामला : पाक के शीर्ष धार्मिक निकाय ने इस्लाम के खिलाफ बताया

By भाषा | Updated: December 21, 2021 14:46 IST

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(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 21 दिसंबर पाकिस्तान के शीर्ष धार्मिक निकाय ने कहा कि कानून को हाथ में लेना कुरान, शरीयत की शिक्षाओं और संविधान के खिलाफ है। निकाय ने देश के पंजाब प्रांत में श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के दोषियों को कानून के हवाले करने की मांग करते हुए यह बात कही। मीडिया में आई एक खबर में इस संबंध में जानकारी दी गई।

इस महीने की शुरुआत में बेहद चौंकाने वाली एक घटना में, कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों ने ईशनिंदा के आरोप पर सियालकोट में कपड़े के एक कारखाने पर हमला कर दिया था और इसके महाप्रबंधक प्रियंता कुमार दियावदाना की पीट-पीटकर हत्या कर उसकी लाश को आग लगा दी थी।

मामले में 900 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। कुल 150 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया और पंजाब पुलिस ने अब तक 54 मुख्य संदिग्धों की फॉरेंसिक जांच कराई है।

‘काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी’ (सीआईआई) ने सोमवार को कहा कि देश के सामने एक गंभीर मुद्दा कानूनों को लागू करना है और सियालकोट जैसी घटना को फिर से होने से रोकने के लिए न्यायिक प्रणाली में सुधार की जरूरत है।

इसमें कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेता है तो देश को उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

डॉन अखबार की एक खबर के अनुसार, सीआईआई ने सियालकोट लिंचिंग पर विचार-मंथन सत्र आयोजित किया। जिला पुलिस अधिकारी उमर सईद मलिक ने मामले में की गई कार्रवाई से निकाय को अवगत कराया।

सीआईआई के अध्यक्ष डॉ किबला अय्याज ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून की जरूरत है। सियालकोट त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि सत्र का उद्देश्य त्रासदी के कारणों को निर्धारित करना और समझना था।

अय्याज ने कहा, “हम सभी समझते हैं कि व्यवस्था में सभी कमियों के बावजूद, हिंसा की बढ़ती घटनाओं को समाप्त करना देश के साथ-साथ नागरिकों की भी जिम्मेदारी है।”

सीआईआई के एक सदस्य अल्लामा ताहिर अशरफी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सियालकोट जैसी एक और घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा, "साथ ही, हम सभी को यह समझने की जरूरत है कि जिस बीमारी को नासूर बनने में 40 साल लगे हैं, उससे छुटकारा पाने में समय लगेगा।"

सीआईआई द्वारा जारी एक घोषणा पत्र में दोषियों को दंडित करने का आह्वान किया गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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