कोरोना वायरस के खात्मे के लिए सिर्फ लॉकडाउन काफी नहीं, WHO का बयान- ऐसा नहीं किया तो बढ़ सकती है ये महामारी
By पल्लवी कुमारी | Published: March 23, 2020 01:29 PM2020-03-23T13:29:35+5:302020-03-23T13:29:35+5:30
विश्व भर में कोविड-19 के संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 14,000 पार कर गई है। डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया है कि युवा भी वायरस के संक्रमण से अछूते नहीं रहेंगे और उनके भी इस महामारी की चपेट में आने की पूरी आशंका है।
दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से 14 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 339,716 लोग इस जानलेवा वायरस से पीड़ित है। दुनियाभर के सारे पीड़ित देशों ने खुद को लॉकडाउन कर लिया है। भारत ने 31 मार्च तक 23 राज्यों को लॉकडाउन किया है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) आपातकाल विशेषज्ञ माइक रायन का बड़ा बयान सामने आया है। माइक रायन का कहना है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सिर्फ लॉकडाउन ही काफी नहीं है। उन्होंने कहा, लॉकडाउन के खत्म होने के बाद इस वायरस के प्रभाव में आने से बचने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत बढ़ जाएगी वरना ये वायरस फिर अपना पैर फैला लेगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बीबीसी से बातचीत में माइक रायन ने यह बयान दिया है।
जानें WHO के आपातकाल विशेषज्ञ माइक रायन ने क्या-क्या कहा?
- माइक रायन ने कहा, इस वक् उन लोगों पर ज्यादा फोकस करने की जरुरत है जो लोग बीमार हैं और इससे पीड़ित हैं ,उन्हें ढूंढा जाए और निगरानी में रखा जाए। वह जिसके-जिसके संपर्क में आए हैं, उनको ढूंढना और उन्हें अलग करना। तभी इसको रोका जा सकता है।
- माइक रायन ने कहा, अगर हम सख्त तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को नहीं अपनाते हैं, तो लॉकडाउन के बाद इस बीमारी का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा। इसलिए हमें मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को बनाए रखना है।
- माइक रायन ने इसके लिए चीन, सिंगापुर और साउथ कोरिया का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इन देशों ने सख्ती के साथ बचाव उपाय किए और हर संदिग्ध की जांच की। एक बार जब इसे फैलने से रोक दिया जाए तो इसके बाद भी इसकी समीक्षा करनी होगी। अब यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों को भी यही मॉडल लागू करना चाहिए. अगर एक बार इसे फैलने से रोक दिया जाए तो बीमारी से निपटा जा सकता है।