लीबियाः तेल समृद्ध देश में संघर्ष विराम की घोषणा, चुनाव की मांग, साल 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद देश अराजकता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 21, 2020 09:40 PM2020-08-21T21:40:48+5:302020-08-21T21:40:48+5:30

बयान में प्रतिद्वंद्वियों के पूर्व में स्थित प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष एंगुयिला सालेह ने भी संघर्ष विराम का आहृवान किया। यह घोषणा ऐसे समय में हुई जब नौ साल से चल रहे इस संघर्ष के और बढ़ जाने की आशंका जताई जा रही है।

Libya Declaration of ceasefire in oil rich country demand election country anarchy after NATO-backed uprising in 2011 | लीबियाः तेल समृद्ध देश में संघर्ष विराम की घोषणा, चुनाव की मांग, साल 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद देश अराजकता

साल 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद देश अराजकता में घिर गया था। (file photo)

Highlightsराजधानी में राष्ट्रीय समझौते की सरकार के प्रमुख फयाज सराज ने मार्च में संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव कराने की भी घोषणा की है। साल की शुरुआत से ही सैन्य कमांडर खलीफा हिफ्तर पक्ष की तरफ से तेल नाकेबंदी खत्म होते हुए देखना चाहते थे।हिफ्तर ने इस साल जून में मिस्र की तरफ से की गई कोशिशों पर सहमति जताई थी जिसमें संघर्ष विराम भी शामिल था।

काहिराः लीबिया की संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार ने शुक्रवार को तेल समृद्ध देश में संघर्ष विराम की घोषणा की और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर सर्ट के विसैन्यीकरण की मांग की है।

यह शहर प्रतिद्वंद्वी बलों के नियंत्रण में हैं। एक अलग बयान में प्रतिद्वंद्वियों के पूर्व में स्थित प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष एंगुयिला सालेह ने भी संघर्ष विराम का आहृवान किया। यह घोषणा ऐसे समय में हुई जब नौ साल से चल रहे इस संघर्ष के और बढ़ जाने की आशंका जताई जा रही है।

राजधानी में राष्ट्रीय समझौते की सरकार के प्रमुख फयाज सराज ने मार्च में संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव कराने की भी घोषणा की है। दोनों ही प्रशासनों ने कहा है कि वे इस साल की शुरुआत से ही सैन्य कमांडर खलीफा हिफ्तर पक्ष की तरफ से तेल नाकेबंदी खत्म होते हुए देखना चाहते थे।

हिफ्तर संसदीय अध्यक्ष के सहयोगी है। हालांकि संघर्ष विराम पर हिफ्तर की सेना की तरह से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन हिफ्तर ने इस साल जून में मिस्र की तरफ से की गई कोशिशों पर सहमति जताई थी जिसमें संघर्ष विराम भी शामिल था।

पूर्वी लीबिया में हिफ्तर के वफादार शक्तिशाली कबीलों ने त्रिपोली स्थित सरकार पर दबाव बनाने के लिए साल के शुरुआत में ही तेल निर्यात टर्मिनलों को बंद करने के साथ प्रमुख तेल पाइपलाइनों को भी बंद कर दिया था। साल 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद देश अराजकता में घिर गया था।

उस समय विद्रोह के जरिए लंबे समय से सत्ता में रहे तानाशाह मुअम्मर कज्जाफी को सत्ता से बेदखल करने के साथ ही बाद में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद से ही देश पूर्वी और उत्तरी प्रशासनों में बंटा हुआ है। दोनों को ही सशस्त्र समूहों और विदेशी सरकारों का समर्थन हासिल है। 

Web Title: Libya Declaration of ceasefire in oil rich country demand election country anarchy after NATO-backed uprising in 2011

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