ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स क्वॉड्स फोर्स यूनिट के कमांडर जनरल क़ैसिम सुलेमानी और ईरान समर्थित इराकी पॉपुलर मोबलाइज़ेशन फोर्सेस (पीएमएफ) के उप प्रमुख अबू महदी अल-मुहांडिस को बगदाद हवाई अड्डे पर एक हमले में मार दिया गया।
अमेरिका ने हत्या की पुष्टि की और कहा कि यह राष्ट्रपति के निर्देश पर किया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने भी ट्वीट कर कहा कि सुलेमानी अमेरिकी राजदूत समेत अमेरिकी लोगों पर हमले की योजना तैयार करते थे। इसी वजह से उन्हें मारा गया है। इस हमले में सात लोगों के मारे जाने की खबर है।
कौन है कासिम सुलेमानी?
ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स का कहें तो एक तरह से मुखिया थे कासिम सुलेमानी। अमेरिकी फौजों के लिए सिर दर्द थे सुलेमानी। वह सिर्फ ईरान ही नहीं बल्कि विदेशों में काम करने वाली यूनिट कद्स फोर्स का भी जिम्मा संभालते थे। कासिम ने अपनी पहचान अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन के रूप बनाई। अमेरिका और ईरान के बीच की लड़ाई में अमेरिका के लिए सुलेमान एक बड़ा रुकावट थे। कहा जाता है कि अमेरिका से कट्टर प्रतिद्वंद के लिए सुलेमानी ईरान की तरफ से लड़ने वाले अहम सिपाही थे। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पश्चिम एशिया के ज्यादातर मिशन को वही अंजाम देते थे।
40 सालों से है दोनों के बीच दुश्मनी
सुलेमानी अमेरिका के आज के दुश्मन नहीं हैं, बल्कि यह दशकों पुरानी दुश्मनी है। 1980 के दशक में ईरान और इराक के बीच खूनी जंग में सुलेमानी ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस युद्ध में अमेरिका ने इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन का साथ दिया था। हालांकि, बाद के दिनों में सद्दाम व अमेरिका के बीच रिश्ते काफी ज्यादा खराब हो गए थे। तानाशाह सद्दाम का अमेरिका ने जो हाल किया वो किसी से छिपा नहीं है।
इस्लामिक देशों में अपनी जड़े मजबूत कर रहे थे सुलेमानी
ईरान की तरफ से सुलेमानी के बढ़ते कद के लेकर अमेरिका नाराज था। अमेरिका नहीं चाहता था कि सुलेमानी अपनी जड़े दूसरे देशों में भी फैलाए। अमेरिका को डर था कि सुलेमानी की मजबूती ईरान को फायदा पहुंचा रहा है, इसलिए हर हाल में सुलेमानी को मारने का प्लैन अमेरिका ने तैयार कर लिया। दरअसल, इस्लामिक स्टेट जैसे खूंखार आतंकी संगठन के मुकाबले सुलेमानी ने कुर्द लड़ाकों और शिया मिलिशिया को एकजुट करने का काम किया था। इराक में ईरान के समर्थन से तैयार पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स को कासिम सुलेमानी ने ही तैयार किया था। सुलेमानी ने आतंकी संगठन हिजबुल्लाह व हमास को बी समर्थन दिया था।