Salman Rushdie: 'शिया चरमपंथ' का समर्थक है सलमान रश्दी पर हमला करने वाला 24 साल का हादी मतार
By रुस्तम राणा | Published: August 13, 2022 02:12 PM2022-08-13T14:12:36+5:302022-08-13T14:16:36+5:30
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मतार के सोशल मीडिया अकाउंट के मुताबिक वह "शिया चरमपंथ" और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के प्रति सहानुभूति रखता है।
न्यूयॉर्क: मशहूर लेखक सलमान रश्दी पर हमला करने वाले शख्स की पहचान हो गई है। न्यूयॉर्क पुलिस के मुताबिक हमलावर की पहचान न्यूजर्सी के 24 वर्षीय हादी मतार के रूप में हुई है। जो शिया चरमपंथ का समर्थक बताया जा रहा है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मतार के सोशल मीडिया अकाउंट के मुताबिक वह "शिया चरमपंथ" और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के प्रति सहानुभूति रखता है।
यद्यपि मतार और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है, जांचकर्ताओं को कथित तौर पर मातर से संबंधित एक सेल फोन मैसेजिंग ऐप में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की तस्वीर मिली है, जिसकी 2020 में हत्या कर दी गई थी।
पुलिस का मानना है कि मतार ने अकेले ही इस काम को अंजाम दिया है। हालांकि, अधिकारी "विभिन्न वस्तुओं के लिए तलाशी वारंट प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं। घटनास्थल पर एक बैग था। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी थे"। पुलिस अभी मतार की राष्ट्रीयता और उसके आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है।
चश्मीदीदों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि हादी मतार लेखक पर हमला करने के लिए मंच पर चढ़ गए थे। इसी मंच से रश्दी न्यूयॉर्क शहर के पास चौटौक्वा संस्थान में भाषण देने वाले थे। मतार द्वारा किए गए इस हमले में साक्षात्कारकर्ता हेनरी रीज़ को भी सिर में चोट लगी थी। मतार ने रश्दी पर चाकू से वार किया था। फिलहाल, लेखक वेंटिलेटर पर हैं और सर्जरी के बाद उनकी आंखों की रौशनी के जाने का खतरा है।
गौरतलब है कि रश्दी की विवादित पुस्तक ‘‘द सैटेनिक वर्सेज’’ ईरान में 1988 से प्रतिबंधित है। कई मुसलमानों का मानना है कि रुश्दी ने इस पुस्तक के जरिए ईशनिंदा की है। इसे लेकर ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई ने रुश्दी को मौत की सजा दिए जाने का फतवा जारी किया था।