जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री ने की अफगानिस्तान के हालात पर बातचीत
By भाषा | Published: August 17, 2021 03:57 PM2021-08-17T15:57:03+5:302021-08-17T15:57:03+5:30
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने काबुल पर तालिबान का फिर से कब्जा होने के बाद अफगानिस्तान में हालात को लेकर सोमवार को फोन पर बातचीत की और इस दौरान जयशंकर ने काबुल में हवाईअड्डा संचालन बहाल किए जाने की अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया। भारत ने सोमवार को कहा कि वह अफगानिस्तान से निकलने की इच्छा रखने वाले सिख एवं हिंदू समुदाय के लोगों की वापसी और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के कारण डर एवं अनिश्चितता का माहौल पैदा हो गया है। अफगान हवाई क्षेत्र को काबुल हवाईअड्डा प्राधिकरण ने ‘‘अनियंत्रित’’ घोषित कर दिया, जिसके बाद वाणिज्यिक उड़ानें निलंबित करनी पड़ीं। भारत अगस्त माह के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है। इसी के मद्देनजर जयशंकर सुरक्षा परिषद के इस सप्ताह दो उच्च स्तरीय अहम कार्यक्रमों की अध्यक्षता के लिए सोमवार को न्यूयार्क आए। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि जयशंकर और ब्लिंकन ने अफगानिस्तान संबंधी हालात पर चर्चा की। इसके कुछ ही देर बार जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘(अमेरिका के विदेश मंत्री) ब्लिंकन के साथ अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रमों पर चर्चा की। हमने काबुल में हवाईअड्डा संचालन बहाल करने की अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया। हम इस संबंध में अमेरिकी प्रयासों की बहुत सराहना करते हैं।’’ ऐसा बताया जा रहा है कि जयशंकर ने काबुल से भारतीय अधिकारियों को बाहर निकालने को लेकर अमेरिकी अधिकारियों समेत कई लोगों से वार्ता की। भारतीय वायुसेना का एक विमान अफगानिस्तान के काबुल से 120 लोगों को लेकर गुजरात के जामनगर में मंगलवार को उतरा। सी-19 विमान पूर्वाह्न 11 बजकर 15 मिनट पर जामनगर स्थित भारतीय वायुसेना अड्डे पर उतरा। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की राजधानी में पैदा हुए मौजूदा हालात के मद्देनजर आपात स्थिति में लोगों को वहां से निकाले जाने के तहत विमान ने भारतीय कर्मियों को लेकर काबुल से उड़ान भरी थी। जयशंकर सोमवार को यहां पहुंचे जब सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान में स्थिति पर एक आपात बैठक की। यह 10 दिनों में दूसरी बार है कि जब युद्धग्रस्त देश में तेजी से बिगड़ती स्थिति पर चर्चा करने के लिए भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई। जयशंकर ने कहा कि भारत काबुल में हालात पर लगातार नजर रख रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं काबुल में हालात पर लगातार नजर रख रहा हूं। भारत लौटने के इच्छुक लोगों की घबराहट समझता हूं। हवाईअड्डा संचालन मुख्य चुनौती है। इस संबंध में साझेदारों के साथ विचार-विमर्श जारी है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार काबुल में सिख और हिंदू समुदाय के नेताओं के लगातार संपर्क में है।
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