इजराइल की नई सरकार ने बदलाव का संकल्प जताया, लेकिन फलस्तीनियों के लिए नहीं
By भाषा | Updated: June 15, 2021 15:07 IST2021-06-15T15:07:22+5:302021-06-15T15:07:22+5:30

इजराइल की नई सरकार ने बदलाव का संकल्प जताया, लेकिन फलस्तीनियों के लिए नहीं
बेइता (पश्चिम तट), 15 जून (एपी) इजराइल की नई सरकार ने फलस्तीनियों के साथ दशकों पुरानी लड़ाई के समाधान में काफी कम दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन इसके पास विकल्प नहीं हो सकता है।
यहूदी राष्ट्रवादी गठबंधन तोड़ने के उद्देश्य से पहले ही उकसा रहे हैं और दक्षिणपंथी शासन वापस लाने की बात कर रहे हैं। ऐसा कर वे फलस्तीनियों के साथ तनाव को बढ़ा सकते हैं, जो कुछ हफ्ते पहले ही 11 दिनों के गाजा यु्द्ध के बाद खत्म हुआ है।
प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट को उम्मीद है कि आठ दलों वाला सत्तारूढ़ गठबंधन संघर्ष प्रबंधन कर सकेगा, जैसा कि उनके पूर्ववर्ती बेंजामिन नेतन्याहू ने 12 वर्षों के अपने अधिकतर समय में किया। लेकिन संघर्ष प्रबंधन बेहतर करने के बावजूद तीन बार गाजा की लड़ाई हुई और कई बार छोटे-मोटे संघर्ष हुए।
पश्चिम तट पर बस्तियों के खिलाफ प्रदर्शन में समन्वय करने वाले फलस्तीनी अधिकारी वलीद असाफ ने कहा, ‘‘वे इसे बदलाव की सरकार कहते हैं लेकिन यह सरकार भी महज यथास्थिति बनाए रख सकती है। बेनेट नेतन्याहू की तरह ही हैं और वह ज्यादा कट्टर भी हो सकते हैं।’’
बेनेट रविवार को शपथ लेने से पहले दिए गए भाषण में फलस्तीनियों के बारे में काफी कम बोले। उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘हिंसा का कड़ा जवाब दिया जाएगा। सुरक्षा शांति से ही आर्थिक विकास तेज होगा, जिससे संघर्ष कम करने में मदद मिलेगी।’’
पर्यावरण मंत्री तमार जांदबर्ग ने इजराइल के टेलीविजन चैनल 12 से कहा कि उनका मानना है कि शांति प्रक्रिया महत्वपूर्ण है और नई सरकार ने कम से कम फिलहाल के लिए इस पर सहमति जताई है। सरकार को फिलहाल जबाल साबेह की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, जो उत्तरी पश्चिम तट पर स्थित एक पहाड़ी है जहां दर्जनों यहूदियों ने पिछले महीने एक चौकी बनाई। इसके बाद वहां सड़क एवं घर बनाने का रास्ता साफ हो गया और उनका कहना है कि यह स्थान दर्जनों यहूदी परिवारों की बस्ती है।
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