Israel-Hamas war: "हम अंधेरे के खिलाफ रोशनी की जंग लड़ रहे हैं", इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पर हमला तेज करते हुए कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 14, 2024 09:13 AM2024-01-14T09:13:33+5:302024-01-14T09:16:51+5:30
इजरायल-हमास के बीच चल रहा युद्ध बेहद खतरनाक दौर से गुजर रहा है। रविवार को इस युद्ध का 100 दिन पूरे होने जा रहा है।
तेल अवीव: इजरायल-हमास के बीच चल रहा युद्ध बेहद खतरनाक दौर से गुजर रहा है। रविवार को इस युद्ध का 100 दिन पूरे होने जा रहा है। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ हमले को और तीखा करते हुए साफ कह दिया है कि इजरायल अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के सामने लगाये जा रहे नरसंहार के आरोपों से डरने वाला नहीं है, क्योंकि इज़राइल ने कसम खाई है कि वो हमास को पूरी तरह से खत्म करके ही दम लेगा।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार पीएम मोदी के इस कथन का समर्थन करते हुए इजरायली सेना ने बीते शनिवार को गाजा पट्टी में जबददस्त बमबारी जारी रखी।
युद्ध के 100 दिन के बाद भी अपनी आक्रामकता को बनाये हुए इजाराय का दो टूक कहना है कि अगर युद्ध खत्म होता है, उसका यह मतलब निकाला जाएगा कि इस्लामिक आतंकवादी समूह हमास इस जंग को जीत गया है। गाजा पर 2007 से शासन कर रहा हमास इजरायल को पूरी तरह से खत्म करने पर आमादा है।
इजरायल ने कहा कि गाजा में वह केवल हमास आतंकियों को निशाना बना रहा है और गैर-लड़ाकों को नुकसान न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहा है क्योंकि हमास के लड़ाके फिलिस्तीन के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में छिपकर युद्ध कर रहे हैं।
इस बीच इजरायल ने शनिवार को गाजा पट्टी में बमबारी जारी रखी। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़रायल हेग में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष ले जाए जा रहे मामलों से डरने वाला नहीं है। इजरायल वहां भी उन आरोपों से लड़ेगा, जिसमें कहा जा रहा है कि गाजा में चल रहा इजरायल का सैन्य अभियान नरसंहार के बराबर है।
उन्होंने हमास और ईरान समर्थित हिजबुल्लाह का जिक्र करते हुए कहा, "यह तय है कि कोई भी हमें नहीं रोक सकता है। न त हेग, न दानवों को समर्थन देने वाले।"
इस बीच इज़रायल के हाइफ़ा शहर में हमास जंग के विरोध में एक रैली निकाली गई, जिसमें शामिल हजारों प्रदर्शनकारियों ने बेंजामिन नेतन्याहू को प्रधानमंत्री के पद से हटाकर इजरायल में शीघ्र चुनाव कराने की मांग की।
इस बीच, नेतन्याहू के पूर्व सहयोगी और मौजूदा समय में कटु आलोचक पूर्व रक्षा मंत्री मोशे यालोन ने आरोप लगाया कि नेतन्याहू ने ऐसी परिस्थितियां पैदा की, जिससे हमास को 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमला करने का मौका मिला। जिसमें आतंकवादियों ने लगभग 1,200 इजरायली लोगों की हत्या कर दी और लगभग 240 लोगों को अपहरण कर लिया।