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ईरानी सरकारी टीवी ने लाल सागर में ईरानी पोत पर हमले की बात स्वीकार की

By भाषा | Updated: April 7, 2021 15:43 IST

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दुबई, सात अप्रैल (एपी) ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने यमन के निकट लाल सागर में वर्षों से खड़े ईरानी मालवाहक पोत पर हमले की बात बुधवार को स्वीकार की।

ऐसा माना जाता है कि यह पोत अर्द्ध सैन्य बल ‘रेवोल्यूशनरी गार्ड’ का अड्डा है।

सरकारी टीवी ने विदेशी मीडिया का हवाला देते हुए यह बयान दिया, जो कि ‘एमवी साविज’ की संलिप्तता वाली रहस्यमयी घटना को लेकर ईरान की पहली टिप्पणी है। ऐसा संदेह है कि इजराइल ने यह हमला किया है।

यह हमला ऐसे समय में किया गया है, जब ईरान और विश्व की अन्य शक्तियां ईरानी परमाणु समझौते में अमेरिका के पुन: शामिल होने की संभावना के बारे में पहली वार्ता के लिए वियना में बैठक कर रहे है।

सऊदी अरब ने क्षेत्र में इस पोत की मौजूदगी की कई बार आलोचना की है। पश्चिमी और संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान ने यमन में हूती विद्रोहियों को हथियार और समर्थन मुहैया कराया है, लेकिन ईरान ने इस बात का खंडन किया है।

ईरान का कहना है कि साविज लाल सागर और बाब अल-मंडब जलडमरूमध्य में ‘समुद्री डकैती विरोधी’ प्रयासों में मदद करता है।

सरकारी टीवी पर एक प्रस्तोता ने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की उस रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि इजराइल ने अमेरिका को सूचित किया है कि उसी ने पोत पर मंगलवार सुबह हमला किया।

जब ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने इस बारे में इजराइली अधिकारियों से मंगलवार रात संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा था, ‘‘हमें ईरान के साथ खतरनाक परमाणु समझौते में वापस नहीं लौटना चाहिए, क्योंकि परमाणु हथियारों से लैस ईरान इजराइल के अस्तित्व और पूरे विश्व की सुरक्षा के लिए खतरा है।’’

‘गार्ड’ की करीबी समझी जाने वाली ईरान की अर्द्धसरकारी ‘तासनिम’ संवाद समिति ने मंगलवार देर रात हमले की जानकारी देते हुए कहा था कि साविज पर लगाए गए विस्फोटकों में विस्फोट हो गया। उसने हमले के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था।

इस बीच, अमेरिकी सेना की मध्य कमान ने एक बयान में केवल यह कहा कि वह ‘‘लाल सागर में साविज की संलिप्तता वाली घटना संबंधी मीडिया रिपोर्टों को लेकर अवगत’’ है।

उसने कहा, ‘‘हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि इस घटना में अमेरिकी बलों की कोई संलिप्तता नहीं है। हमारे पास कोई अतिरिक्त जानकारी मुहैया कराने के लिए नहीं है।’’

सऊदी सेना से ‘एपी’ को मिली तस्वीरों में पोत पर सैन्य वर्दी पहने लोग और पोत को यमनी तट पर लाने में सक्षम छोटी नौकाएं दिख रही हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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