ईरान ने इराक स्थित अमेरिका के दो एयरबेस पर मिसाइलों से हमला किया है। इसी बीच ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। जरीफ ने कहा 'यूएन चार्टर के आर्टिकल 51 के तहत ईरान ने आत्मरक्षा के लिए एक ठोस कदम उठाया है। अमेरिकी एयरबेस पर हमने हमला किया जिन्होंने कायराना तरीके से हमारे सैनिकों और नागरिकों को निशाना बनाया। हम युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन किसी तरह की आक्रामकता से अपनी सुरक्षा करेंगे।' बता दें कि मंगलवार को ईरान के विदेश मंत्री को यूएन सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया था।
ईरान ने दो अमेरिकी बेस कैंप पर दागी दर्जनों मिसाइलें
पेंटागन के मुताबिक ईरान ने इराक में मौजूद अल-असद और इरबिल एयरबेस पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं। इन दोनों एयरबेस पर अमेरिका के साथ गठबंधन सेनाएं तैनात हैं। इस हमले में अमेरिका और गठबंधन सेनाओं को अभी तक किसी भी नुकसान की खबर नहीं है।
अमेरिकी रक्षा अधिकारी की मानें तो सुबह के लगभग साढ़े पांच बजे इराक में अमेरिकी सेना के ठिकानों पर 1 दर्जन मिसाइलों से हमला किया गया है। अमेरिका सेना बेस पर बुधवार तड़के मिसाइल हमले के बाद पेंटागन ने बयान जारी कर कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने दी थी ईरान को चेतावनी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि वह बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में शीर्ष ईरानी कमांडर के मारे जाने के बाद जवाबी कार्रवाई करता है तो अमेरिका उस पर अब तक का सबसे जोरदार हमला करेगा। ट्रंप ने ईरान से जवाबी हमले की कार्रवाई संबंधी टिप्पणियों के बीच शनिवार को आधी रात के बाद ट्वीट किया, 'उन्होंने (ईरान ने) हम पर हमला किया और हमने जवाबी हमला किया। यदि वे फिर हमला करते हैं, तो हम उन पर अब तक का सबसे जोरदार हमला करेंगे। मैं उन्हें कोई हमला नहीं करने की सलाह देता हूं।' उन्होंने ट्वीट किया, 'अमेरिका ने सैन्य उपकरणों पर दो हजार अरब डॉलर अभी खर्च किए हैं। हम दुनिया में सबसे बड़े और सर्वश्रेष्ठ हैं। यदि ईरान अमेरिकी सैन्य अड्डे या किसी अमेरिकी पर हमला करता है तो हम अपने कुछ एकदम नए खूबसूरत उपकरण... बिना किसी हिचकिचाहट के उनके खिलाफ इस्तेमाल करेंगे ।'