वारसॉः एक विलुप्तप्राय भारतीय गैंडे का जन्म पिछले हफ्ते पोलैंड के व्रोकलॉ चिड़ियाघर में हुआ। चिड़िया घर के 155 साल के इतिहास में पहली बार किसी गैंडे का जन्म हुआ है।
भारतीय गैंडे विलुप्त होने के कगार पर थे, लेकिन 1970 के दशक में शुरू किए गए संरक्षण कार्यक्रम की वजह से अब 3600 से ज्यादा गैंडे हैं। इनमें से 170 से अधिक दुनियाभर के 66 चिड़िया घरों में हैं। भारतीय गैंडे 12.5 फुट तक लंबे होते हैं और उनका वजन तीन टन तक होता है। वे उत्तरी भारत में आर्द्र और घास के मैदानों में रहते हैं।
ये भारतीय गैंडो लुप्तप्राय है तथा इस शावक का जन्म इस दुर्लभ जानवर के संरक्षण की दिशा में अहम घटनाक्रम है। चिड़िया घर के अधिकारियों ने बताया कि इस शावक का जन्म छह जनवरी को हुआ था। उसके माता-पिता सात वर्षीय मादा मरुस्का और 11 वर्षीय नर गैंडा मानस है।
वे उत्तरी भारत के गीले, घास वाले क्षेत्रों में रहते हैं। वे मुख्य रूप से घास, पत्तियों और टहनियों पर फल और जलीय वनस्पति पर भी फ़ीड करते हैं। चिड़ियाघर के अध्यक्ष रैदोसला रतजस्ज़ेक ने कहा, "पहली बार माँ मारुस्का शानदार व्यवहार कर रही है।" वह अपनी बेटी की देखभाल कर रही है।