रोचक: अयोध्या की राजकुमारी थीं कोरिया की महारानी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 5, 2018 09:02 AM2018-11-05T09:02:13+5:302018-11-05T09:02:13+5:30
चीनी भाषा में लिखे पुराण 'सामगुक युसा' में वर्णित है कि ईश्वर ने अयोध्या की राजकुमारी के पिता को स्वप्न में आदेश दिया था कि वे (कोरिया के) राजा किम सू-रो से राजकुमारी का विवाह करवाएं और इसके लिए उन्हें राजकुमार के साथ किमहये शहर भेजें.
कोरिया, 05 नवंबर: अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्ना नी हू ह्वांग ओक-अयुता का विवाह कोरिया के राजा किम सू रो से हुआ था. कोरिया के पुराण के मुताबिक 2000 साल पहले भारत के अयोध्या (तब साकेत) से राजकुमारी सूरीरत्ना अयोध्या से कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत के किमहये शहर गई थीं. चीनी भाषा में लिखे पुराण 'सामगुक युसा' में वर्णित है कि ईश्वर ने अयोध्या की राजकुमारी के पिता को स्वप्न में आदेश दिया था कि वे (कोरिया के) राजा किम सू-रो से राजकुमारी का विवाह करवाएं और इसके लिए उन्हें राजकुमार के साथ किमहये शहर भेजें.
किमहये शहर में राजकुमारी की बड़ी प्रतिमा लगी है. साथ ही वे पत्थर भी हैं, जिन्हें राजकुमारी की नौका में संतुलन साधने में इस्तेमाल किया गया था. राजकुमारी की मजार पर लगा पत्थर अयोध्या से ही लाया गया था. द. कोरिया की जनसंख्या का यह दसवां हिस्सा यानी कारक गोत्र के 60 लाख लोग राजकुमारी के वंशज हैं. है. द. कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति किम डेई जंग और पूर्व प्रधानमंत्री हौ जियोंग और जोंग पिल-किम इसी वंश से थे. पहले हर साल फरवरी-मार्च में कुछ वंशज श्रद्धांजलि देने अयोध्या आते हैं और अयोध्या से कुछ लोग किमहये शहर जाते हैं. द. कोरिया ने सरयू नदी के तट पर तुलसी घाट के करीब राजकुमारी स्मृति उपवन भी बनाया है. 2015-16 में उपवन को भव्य रूप देने का समझौता हुआ, पर एनजीटी ने उस पर इस साल रोक लगा दी.