भारतीय समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थक द्वारा वित्त पोषित किया गया था, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में खुलासा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 7, 2023 13:27 IST2023-08-07T13:26:32+5:302023-08-07T13:27:37+5:30

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि नेविल रॉय सिंघम के नेटवर्क ने भारत में न्यूज़क्लिक नामक समाचार वेबसाइट को वित्तीय सहायता प्रदान की थी। वेबसाइट के कवरेज में कथित तौर पर चीनी सरकार की बातचीत के बिंदु शामिल थे।

Indian news portal NewsClick was funded by a Chinese Communist Party supporter reveals New York Times report | भारतीय समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थक द्वारा वित्त पोषित किया गया था, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में खुलासा

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsन्यूयॉर्क टाइम्स ने 5 अगस्त 2023 को एक रिपोर्ट जारी कीदावा- न्यूज़क्लिक को कम्युनिस्ट पार्टी समर्थक द्वारा वित्त पोषित किया गयाचीनी सरकार के लिए काम करने वाले नेविल रॉय सिंघम के नेटवर्क ने न्यूज़क्लिक को दी वित्तिय सहायता

नई दिल्ली: न्यूयॉर्क टाइम्स ने 5 अगस्त 2023 को एक  रिपोर्ट जारी की जिसमें शिकागो को शंघाई से जोड़ने वाले एक विशाल वित्तीय नेटवर्क का खुलासा किया गया है। यह नेटवर्क कथित तौर पर वैश्विक स्तर पर चीनी प्रोपेगैण्डा को बढ़ावा देने के साधन के रूप में अमेरिकी गैर-लाभकारी संस्थाओं का उपयोग करता है। 

रिपोर्ट में एक "करिश्माई अमेरिकी करोड़पति" नेविल रॉय सिंघम का नाम लिया गया है जो एक समाजवादी हितैषी के रूप में सुदूर-वामपंथी मुद्दों के समर्थन के लिए प्रसिद्ध हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा है कि उसने सिंघम से जुड़े विभिन्न समूहों को करोड़ों डॉलर दिए जाने का पता लगाया है। 

इस रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले खुलासे भी हैं। कथित तौर पर ये समूह प्रगतिशील बताकर कही गई बातों को चीनी सरकार के आधिकारिक आख्यानों के साथ मिलाते हैं। यहां तक कि ये समूह मैसाचुसेट्स से मैनहट्टन तक विभिन्न स्थानों पर काम कर रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दक्षिण अफ्रीका में एक राजनीतिक दल और भारत और ब्राजील में समाचार संगठनों तक ये भी समूह फैल रहे हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि नेविल रॉय सिंघम के नेटवर्क ने भारत में न्यूज़क्लिक नामक समाचार वेबसाइट को वित्तीय सहायता प्रदान की थी।  वेबसाइट के कवरेज में कथित तौर पर चीनी सरकार की बातचीत के बिंदु शामिल थे। एक वीडियो में कहा गया था कि "चीन का इतिहास श्रमिक वर्गों को प्रेरित करता रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि  69 वर्षीय सिंघम खुद शंघाई में बैठते हैं, जहां उनके नेटवर्क का एक आउटलेट शहर के प्रचार विभाग द्वारा वित्त पोषित एक यूट्यूब शो का सह-निर्माण कर रहा है। दो अन्य लोग एक चीनी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ये सभी प्लेटफार्म  दुनिया के लिए चीन की आवाज़ के रूप में काम करते हैं। दावा है कि  पिछले महीने सिंघम एक कम्युनिस्ट पार्टी कार्यशाला में शामिल हुए थे जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को बढ़ावा देना था।

न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख के अनुसार, सिंघम का दावा है कि वह चीनी सरकार के निर्देशन में काम नहीं करते हैं। लेकिन उसके और प्रचार तंत्र के बीच कई ऐसी चीजें हैं जो उनके चीनी सरकार के साथ काम करने की ओर इशारा करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि  वह एक ऐसी कंपनी के साथ कार्यालय स्थान साझा करते हैं जिसका उद्देश्य विदेशियों को "वैश्विक मंच पर चीन की उल्लेखनीय उपलब्धियों" के बारे में सूचित करना है।

Web Title: Indian news portal NewsClick was funded by a Chinese Communist Party supporter reveals New York Times report

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