श्रीलंका में भारतीय मिशन ने कहा-बौद्ध स्थलों को जानने का अवसर प्रदान करेगा कुशीनगर हवाईअड्डा
By भाषा | Published: July 15, 2020 03:37 AM2020-07-15T03:37:04+5:302020-07-15T03:37:26+5:30
भारत सरकार ने एक बयान में कहा था कि थाईलैंड, कंबोडिया, जापान, म्यांमा आदि से प्रतिदिन लगभग 200-300 तीर्थयात्री कुशीनगर आते हैं। कुशीनगर को बौद्ध धर्म के चार मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।
कोलंबो: श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में स्थित भारतीय मिशन ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हवाईअड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा घोषित करने का भारत सरकार का निर्णय तीर्थयात्रियों, इतिहासकारों और संस्कृति में दिलचस्पी रखने वालों को बौद्ध स्थलों को जानने का अवसर प्रदान करेगा। सरकार ने 24 जून को इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि यह हवाईअड्डा महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थलों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करेगा।
श्रीलंका बौद्ध बहुल देश है, जिसकी 70 प्रतिशत से अधिक आबादी बौद्ध धर्म में आस्था रखती है। भारतीय मिशन ने अपने बयान में कहा, ''कुशीनगर जिला कई अन्य मठों और बौद्ध सांस्कृतिक स्थलों का भी घर है।
कुशीनगर हवाईअड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा घोषित करने के निर्णय से बौद्ध तीर्थयात्रियों, इतिहासकारों और संस्कृति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को न केवल कुशीनगर, बल्कि उससे संबंधित लुंबिनी, कपिलवस्तु और श्रावस्ती जैसे अन्य ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों के बारे में जानने का भी अवसर मिलेगा।''
भारत सरकार ने एक बयान में कहा था कि थाईलैंड, कंबोडिया, जापान, म्यांमा आदि से प्रतिदिन लगभग 200-300 तीर्थयात्री कुशीनगर आते हैं। कुशीनगर को बौद्ध धर्म के चार मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने देहांत के पश्चात यहीं पर महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था।