भारतीय उद्यमी की कृषि अपशिष्ट पुनर्चक्रण परियोजना ने प्रिंस विलियम का अर्थशॉट पुरस्कार जीता

By भाषा | Updated: October 18, 2021 11:25 IST2021-10-18T11:25:15+5:302021-10-18T11:25:15+5:30

Indian Entrepreneur's Agricultural Waste Recycling Project Wins Prince William's Earthshot Prize | भारतीय उद्यमी की कृषि अपशिष्ट पुनर्चक्रण परियोजना ने प्रिंस विलियम का अर्थशॉट पुरस्कार जीता

भारतीय उद्यमी की कृषि अपशिष्ट पुनर्चक्रण परियोजना ने प्रिंस विलियम का अर्थशॉट पुरस्कार जीता

(अदिति खन्ना)

लंदन, 18 अक्टूबर दिल्ली के एक उद्यमी को फसल अवशेषों को बिक्री योग्य जैव उत्पादों में बदलने की परियोजना के लिए रविवार शाम को लंदन में एक समारोह में प्रिंस विलियम द्वारा शुरू किए गए पहले पर्यावरणीय ‘अर्थशॉट प्राइज’ से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार को ‘इको ऑस्कर’ भी कहा जा रहा है।

विद्युत मोहन की अगुवाई वाली ‘टाकाचर’ परियोजना को फसलों के अवशेषों को बिक्री योग्य जैव उत्पादों में बदलने की नवोन्मेषी किफायती तकनीक के लिए ‘‘हमारी स्वच्छ वायु’’ की श्रेणी में विजेता घोषित किया गया है और उन्हें इनाम स्वरूप 10 लाख ब्रिटिश पाउंड दिए गए।

ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज विलियम ने पृथ्वी को बचाने की कोशिश करने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए यह पुरस्कार शुरू किया है। विद्युत मोहन दुनियाभर में इस पुरस्कार के पांच विजेताओं में से एक हैं।

विलियम ने समारोह में पहले से रिकॉर्ड किए गए एक संदेश में कहा, ‘‘समय बीता जा रहा है। एक दशक काफी लंबा नहीं लगता लेकिन मानव जाति के पास ऐसी समस्याओं का समाधान निकालने की क्षमता का उत्कृष्ट रिकॉर्ड है जिसे हल करना मुश्किल हो।’’ इस समारोह में कई हस्तियां शामिल हुईं और गायक एड शीरन तथा कॉल्डप्ले ने प्रस्तुति दी।

टाकाचर को उस तकनीक के लिए पुरस्कृत किया गया है जो धुएं का उत्सर्जन 98 प्रतिशत तक कम करती है जिसका मकसद वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद करना है। अगर इस तकनीक का उपयोग किया जाता है कि इससे एक साल में एक अरब टन तक कार्बन डाइऑक्साइड की कटौती हो सकती है और इसे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारतीय किसानों के लिए जीत बताया जा रहा है।

अर्थशॉट प्राइज के लिए विजेता परियोजना का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘‘टाकाचर ने किफायती, छोटे पैमाने पर, लाने ले जाने में आसान तकनीक विकसित है जो दूरवर्ती खेतों में ट्रैक्टरों से जोड़ी जाती है। यह मशीन फसलों के अवशेष को बिक्री योग्य जैव उत्पादों जैसे कि ईंधन और उर्वरक में बदलती है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘दुनियाभर में हर साल हम 120 अरब डॉलर का कृषि अपशिष्ट पैदा करते हैं। किसान जो बेच नहीं पाते उसे अक्सर जला देते हैं जिसके मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विनाशकारी परिणाम होते हैं। कृषि अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण होता है जिससे कुछ इलाकों में जीवन जीने की उम्र एक दशक तक कम हो जाती है। नयी दिल्ली के आसपास के खेतों में हर साल यही होता है। मानव निर्मित धुआं हवा में फैल जाता है जिसका स्थानीय लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ता है। उन्हीं लोगों में से एक विद्युत मोहन हैं। उनका सामाजिक उद्यम टाकाचर इस धुएं को कम करने की कोशिश कर रहा है।’’

इस पुरस्कार के लिए टाकाचर के साथ ही फाइनल में एक और भारतीय ने जगह बनायी थी। तमिलनाडु की 14 वर्षीय स्कूली छात्रा विनिशा उमाशंकर ने सौर ऊर्जा से चलने वाली इस्त्री बनायी है।

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Web Title: Indian Entrepreneur's Agricultural Waste Recycling Project Wins Prince William's Earthshot Prize

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