लाइव न्यूज़ :

अमेरिका में रहने वाले भारतीय नगरिकों ने ट्रंप से किया अनुरोध, कहा- कश्मीर पर भारत का करें 'पूर्ण समर्थन'

By भाषा | Updated: August 6, 2019 15:45 IST

भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने का अलग विधेयक पेश किया है। अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा और अपना झंडा एवं संविधान रखने समेत अन्य अधिकारों की अनुमति देता है।

Open in App

अमेरिका में भारतवंशी अमेरिकी नागरिकों ने ट्रंप प्रशासन से अनुरोध किया है कि वह जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान को हटाने के भारत सरकार के फैसले का ‘‘पूर्ण समर्थन’’ करे और पाकिस्तान पर दबाव डाले कि वह सीमा पार से आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे।

भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने का अलग विधेयक पेश किया है। अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा और अपना झंडा एवं संविधान रखने समेत अन्य अधिकारों की अनुमति देता है।

हिंदू-अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के प्रबंध निदेशक समीर कालरा ने कहा, ‘‘अमेरिका से अनुरोध है कि वह कश्मीर पर भारत के आंतरिक स्वायत्तता के फैसले का समर्थन करे और पाकिस्तान पर दबाव डाले कि वह सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करे ताकि कश्मीर विवाद को हमेशा के लिये हल किया जा सके।’’

कालरा ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए सिर्फ अस्थायी प्रावधान थे और उन्हें हटाया जाना कश्मीर मुद्दे के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘यह जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों का अब शेष भारत में एकीकृत करने में बेहतर रूप में मदद करेगा और समूचे देश में एक ही कानून लागू होगा।’’

उन्होंने कहा, इसके अलावा इससे कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास में भी मदद मिलेगा। ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (ओएफबीजेपी) के अध्यक्ष कृष्ण रेड्डी ने कहा कि भारत के 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नरेंद्र मोदी सरकार का राष्ट्र को यह बेहतरीन तोहफा है।

‘वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका’ ने भी इस फैसले का स्वागत किया। न्यूयॉर्क में वकील रवि बत्रा ने कहा कि इस कदम से जम्मू कश्मीर में निश्चित रूप से शांति और बेहतर सुरक्षा मिलेगी। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच भी शांति बहाल होगी। भारतवंशी अमेरिकी पुनीत अहलुवालिया ने कहा कि यह कोई चौंकाने वाला कदम नहीं है क्योंकि 35ए और 370 को हटाना हमेशा से भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा रहा है।

अमेरिका में कश्मीरी पंडितों के समुदाय ने भी भारत सरकार के कदम पर खुशी जतायी और कहा कि इस कदम से निकट भविष्य में उनकी घर वापसी का रास्ता तैयार हुआ है। इंडो-अमेरिकन कश्मीर फोरम से विजय सजावल ने कहा, ‘‘भारत सरकार के इस कदम से सीमा पार आतंकवाद के संदर्भ में सुरक्षा स्थिति में सुधार होगा और नए संघ शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में शांति, सौहार्द एवं स्थिरता बहाल होगी।’’

लंदन एवं जिनेवा में स्थित इंडो-यूरोपीयन कश्मीर फोरम और ओटावा स्थित इंडो-कनाडियन कश्मीर फोरम ने भी सरकार के कदम का समर्थन किया और कहा कि आखिरकार कश्मीरी अल्पसंख्यकों खासकर कश्मीरी पंडितों को न्याय मिला और 1989-1990 में वहां से हटाये जाने के बाद अब वे अपनी जमीन पर दावा कर सकते हैं।

‘कश्मीर टास्क फोर्स’ के जीवन जुत्शी ने कहा कि इस फैसले से न सिर्फ कश्मीर समस्या का समाधान हुआ है बल्कि उन सभी कश्मीरी, सभी धर्मों के लोगों को न्याय मिला है जो कश्मीरी पंडितों के समान ही वहां अशांति की वजह से अपना जीवन खो चुके हैं।

टॅग्स :अमेरिकाजम्मू कश्मीरडोनाल्ड ट्रंप
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद