मछुआरा समस्या, निवेश गतिरोध के कारण 2021 में भारत-श्रीलंका संबंधों की हुई परीक्षा

By भाषा | Published: December 26, 2021 12:15 PM2021-12-26T12:15:53+5:302021-12-26T12:15:53+5:30

India-Sri Lanka ties tested in 2021 due to fisherman problem, investment impasse | मछुआरा समस्या, निवेश गतिरोध के कारण 2021 में भारत-श्रीलंका संबंधों की हुई परीक्षा

मछुआरा समस्या, निवेश गतिरोध के कारण 2021 में भारत-श्रीलंका संबंधों की हुई परीक्षा

कोलंबो, 26 दिसंबर भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों को 2021 में उस वक्त परीक्षा से गुजरना पड़ा, जब कोलंबो ने एकतरफा रूप से भारत और जापान के साथ गहरे समुद्र में कंटेनर बंदरगाह बनाने के लिए त्रिपक्षीय समझौता करने से इनकार कर दिया और भारतीय मछुआरों को लेकर घटनाएं बार-बार होने के साथ ही इस देश में चीन का प्रभाव बढ़ता दिखने लगा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जनवरी की शुरुआत श्रीलंका की यात्रा के साथ की, और कहा था कि, ‘‘मैं 2021 की शुरुआत कोलंबो की यात्रा के साथ कर रहा हूं, जो भारत का निकटतम समुद्री पड़ोसी और साझेदार है।’’

श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने वाले जयशंकर ने यह भी कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि कोविड-19 महामारी भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय सहयोग को प्रभावित नहीं कर पाया।

लेकिन यात्रा से संबंधों में मिली सकारात्मक ऊर्जा जनवरी में चार भारतीय मछुआरों की मौत से प्रभावित हुई। मछुआरों के पोत और एक श्रीलंकाई नौसैन्य पोत के बीच टक्कर के बाद भारतीय मछुआरों की मौत हो गई थी।

दिसंबर में, भारत ने श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा 18 से 20 दिसंबर तक तमिलनाडु के 68 मछुआरों को हिरासत में लिए जाने पर चिंता व्यक्त की और उनकी ‘जल्द रिहाई’ का मुद्दा उठाया। मछुआरों का मुद्दा द्विपक्षीय संबंधों में एक प्रमुख अड़चन बना हुआ है।

कोविड महामारी के दौरान, भारत ने श्रीलंका की विशिष्ट और तत्काल चिकित्सा आवश्यकताओं की आपूर्ति के लिए अपने हवाई क्षेत्र को खुला रखा।

दुनिया भर के देशों को कोविड-19 टीके प्रदान करने के लिए भारत सरकार की ‘वैक्सीन मैत्री’ मानवीय पहल के हिस्से के रूप में, भारत ने द्वीपीय राष्ट्र को कोविशील्ड टीके की पांच लाख खुराक उपहार में दी, जिससे उसे अपना राष्ट्रीय कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान शुरू करने में मदद मिली।

इस बीच, श्रीलंका में भारत की निवेश योजनाओं को बड़ा झटका देते हुए, राजपक्षे सरकार ने गहरे समुद्र में रणनीतिक कंटेनर बंदरगाह के निर्माण के लिए भारत और जापान के साथ त्रिपक्षीय समझौते से इनकार कर दिया।

श्रीलंका, जिसने 2019 में भारत और जापान के साथ कोलंबो बंदरगाह पर ईस्ट कंटेनर टर्मिनल (ईसीटी) विकसित करने पर सहमति व्यक्त की थी, ने इस सौदे को रद्द कर दिया और ईसीटी को ‘श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी का पूर्ण स्वामित्व वाला कंटेनर टर्मिनल’ करार दिया।

श्रीलंका को 2021 में,अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड, विशेष रूप से लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ सशस्त्र संघर्ष के दौरान की घटनाओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव का सामना करना पड़ा।

संयुक्त राष्ट्र ने 2009 में लिट्टे के साथ सशस्त्र संघर्ष के दौरान मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रतिबंधों और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालती प्रक्रिया का आह्वान किया, वहीं भारत ने मार्च में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में श्रीलंका के मानवाधिकारों के रिकॉर्ड पर एक महत्वपूर्ण वोट से परहेज किया।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अक्टूबर में श्रीलंका का दौरा किया और श्रीलंका के नेतृत्व को आश्वासन दिया कि भारत द्विपक्षीय सामाजिक-आर्थिक जुड़ाव पर कोविड 19 प्रतिबंधों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा और कोविड के बाद उभरने के प्रयासों में श्रीलंका सरकार के साथ खड़ा होगा।

यह वर्ष राजनीति में नए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की व्यक्तिगत क्षमताओं की भी परीक्षा थी। हर गुजरता दिन राष्ट्रपति के लिए एक परीक्षा थी क्योंकि उन्हें महामारी, प्रमुख विदेश नीति के मुद्दों और श्रीलंका के चीन के प्रति झुकाव के कारण क्षेत्रीय तनाव से निपटने का सामना करना पड़ा।

भारत के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव के बावजूद श्रीलंकाई अधिकारी भारतीय सहायता प्राप्त करने के प्रति आशावान बने रहे।

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Web Title: India-Sri Lanka ties tested in 2021 due to fisherman problem, investment impasse

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