नई दिल्ली:लद्दाख में हो रहे भारत और चीन के बीच सीमा विवाद में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की खबर के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ भारतीय और चीनी बलों के बीच स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जानकारी में आया है कि भारतीय सेना ने घोषणा की है कि 20 जवानों ने अपनी जान गंवाई, हम उन सेना के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।
इसके साथ ही अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन दोनों देशों ने इस समस्या के खुद से समाधान पर सहमति जताई है। ऐसे में हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। 2 जून को अपनी टेलीफोनिक बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर स्थिति को लेकर चर्चा की थी।
बता दें कि भारत व चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में विवाद अब काफी अधिक बढ़ गया है। एलएसी पर जारी विवाद के बीच सोमवार रात हुए हिंसक झड़प में चीनी सेना ने धुर्तता से भारतीय जवानों पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं। वहीं, भारतीय सेना ने 43 से अधिक चीनी सेना के हताहत होने की बात कही है।
भारतीय सेना ने कहा झड़प वाले स्थान से दोनों देशों के सेना हट गए हैं-
इस बीच सेना ने बयान जारी करके कहा है कि भारतीय और चीनी सैनिक 15-16 जून की रात हुई झड़प वाले स्थान से हट गए हैं। सेना ने बयान में कहा कि जान गंवाने वाले 20 में से 17 सैनिक गतिरोध वाले स्थान पर, शून्य से नीचे तापमान में ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सेना ने रात करीब 10 बजे एक जारी बयान में कहा, ''भारतीय सेना क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ता के साथ प्रतिबद्ध है।''
लद्दाख में चीन के साथ झड़प पर आया विदेश मंत्रालय का बयानमंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है। उन्होंने कहा, '6 जून को सीनियरों कमांडरों की अच्छी बैठक हुई। इसके बाद ग्राउंड कमांडरों के बीच कई बैठकें हुई'। श्रीवास्तव ने आगे कहा कि हमें उम्मीद थी कि सबकुछ अच्छे से होगा।
चीनी पक्ष गलावन वैली में LAC का सम्मान करते हुए पीछे चला गया, लेकिन चीन के द्वारा स्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश करने पर 15 जून को एक हिंसक झड़प हो गई। इसमें दोनों पक्षों के लोगों की मौत हुई है, इससे बचा जा सकता था।
वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि सीमा प्रबंधन को लेकर भारत का जिम्मेदार रवैया है। भारत सारे काम LAC में अपनी सीमा के अंदर ही करता है, चीन से भी ऐसी उम्मीद हम रखते हैं।'