Jaishankar-Wang Yi 2024: अस्ताना में मिले जयशंकर और वांग यी, पूर्वी लद्दाख और एलएसी पर चर्चा, जानें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 4, 2024 14:08 IST2024-07-04T14:08:01+5:302024-07-04T14:08:51+5:30
Jaishankar-Wang Yi 2024: विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर बृहस्पतिवार को एक बैठक हुई।

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Jaishankar-Wang Yi 2024: भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के शेष मुद्दों के जल्द निपटारे के लिए दोगुने प्रयास करने तथा संबंधों में ‘‘स्थायित्व लाने एवं पुन: गति प्रदान’’ करने का प्रण लिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर बृहस्पतिवार को एक बैठक हुई जिसमें जयशंकर ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान किया जाना चाहिए।
दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में जयशंकर ने सीमा प्रबंधन के लिए अतीत में दोनों पक्षों के बीच हुए संगत द्विपक्षीय समझौतों और नियमों का पूरी तरह पालन किए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार जयशंकर और वांग ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान तलाशने के वास्ते गहन विचार विमर्श किया ताकि द्विपक्षीय संबंधों में ‘‘स्थिरता आ सके और संबंधों को नए सिरे से गति मिल सके।’’
Jaishankar holds talks with China's Wang Yi, agrees to redouble efforts for "early resolution of remaining border issues"
— ANI Digital (@ani_digital) July 4, 2024
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बैठक में विदेश मंत्री ने भारत के इस दृष्टिकोण को भी दोहराया कि दोनों पक्षों के बीच संबंध आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित होने चाहिए। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘आज सुबह सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं विदेश मंत्री वांग यी से अस्ताना में मुलाकात की। सीमा क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा की।
कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एलएसी का सम्मान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना अहम है। आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे।’’ भारत का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए अहम है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों मंत्रियों ने दोनों पक्षों के राजनयिक और सैन्य अधिकारियों के बीच बैठकें जारी रखने तथा बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, ताकि शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए चर्चा को आगे बढ़ाया जा सके।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय पर कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) को शीघ्र बैठक करनी चाहिए।’’
मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि सीमा क्षेत्रों में वर्तमान में जो हालात हैं उन्हें लंबा खींचना किसी के भी हित में नहीं है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में शेष क्षेत्रों से सैनिकों को पूरी तरह से हटाने और सीमा पर शांति बहाल करने के प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य होने की राह में जो भी बाधाएं हैं वे दूर हों।’’
भारत और चीन के मध्य पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच इन नेताओं के बीच यह बैठक हुई है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच मई 2020 से गतिरोध जारी है। दोनों पक्ष हालांकि टकराव वाले कई क्षेत्रों से पीछे हटे हैं लेकिन सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अब तक नहीं हो पाया है। गलवान घाटी में जून 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी जिसमें बड़ी संख्या में दोनों ओर के सैनिक हताहत हुए थे। दोनों पक्षों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए पिछली बातचीत फरवरी में हुई थी।