पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की देर से चुप्पी तोड़ने पर उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान ने सवाल उठाये हैं। रेहम ने इमरान के बयान को बेहद नपा-तुला, संतुलित और कूटनीतिक बताया। साथ ही रेहम ने कहा कि उनके हिसाब से पूरे मसले पर इमरान की यह प्रतिक्रिया काफी देर से आई जिससे उन्हें हैरानी हुई।
इंडिया टुडे को मंगलवार को दिये एक इंटरव्यू में रेहम ने कहा कि किसी भी बड़े देश में अगर इतना बड़ी घटना होती है तो उस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को तुरंत अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। पेश से लेखक, विश्लेषक और पत्रकार रहीं रेहम के संबंध तलाक के बाद से ही इमरान से अच्छे नहीं रहे हैं और कई मौकों पर वे सार्वजनिक तौर पर इमरान को लेकर चौंकाने वाले खुलासे करती रही हैं।
रेहम ने इमरान खान की ट्वीट करने की आदत के बारे में बताते हुए एक इंटरव्यू में कहा कि इमरान किसी भी घटना के बाद ट्वीट जरूर करते है। इमरान को ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया देना पसंद है। रेहम ने कहा कि उस दिन भी (14 फरवरी) इमरान ने प्रांत में हुई विटंर रेन्स का जिक्र अपने ट्वीट में किया था।
गौरतलब है कि इमरान खान की स्पीच में पुलवामा घटना में शहीद हुए जवानों के लिए कोई श्रद्धांजलि नहीं थी ना ही इस घटना की निंदा की गई। रेहम खान ने कहा कि अगर यह स्पीच स्क्रिपटेड (पूर्व-निर्धारित) थी तब भी इमरान खान को व्यक्तिगत रूप से इस निर्मम घटना की निंदा करनी चाहिए थी।
रेहम खान ने बताया कि इमरान खान को इस पद पर आने के लिए कई समझौतें करने पडे हैं। वह पाकिस्तानी सेना के हाथों की कठपुतली बन कर रह गये हैं और पुलवामा आतंकी हमले पर बयान देने के लिए भी पाकिस्तानी सेना के आदेश का इंतजार कर रहे थे।
रेहम खान ने आगे कहा, 'इमरान खान ने सत्ता में आने के लिए कई विचारधाराओं और उदारवादी नीतियों के साथ समझौता किया हैं। हमें यह सोचना भी नहीं चाहिए की यह नीतियां उन्होनें खुद बनाई हैं। इमरान खान केवल उन्हीं आदेशों का ही पालन करते हैं जो उन्हें दिये जाते हैं। हमने चुनाव के वक्त कई नए धार्मिक चरमपंथी दलों का उदय, कई जगह हिंसा, इस्लामाबाद दंगे आदि देखे हैं। इमरान खान को पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ कई बार ईशनंदा का कार्ड खेलते हुए भी देखा गया हैं।'
रेहम खान ने आखिर में कहा कि उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं हैं पर फिर भी अगर वह इमरान खान की जगह होती और पाकिस्तान का कोई आतंकी संगठन किसी भी घटना की जिम्मेदारी लेता तो वह उस आतंकवादी संगठन से संबंध खत्म करती क्योंकि इस दोतरफा खेल को खत्म करना बहुत जरूरी है इन सब की वजह से न ही पाकिस्तान में बल्कि अन्य जगहों पर भी बहुत खूनखराबा हो चुका है। रेहम ने कहा कि वह चाहती हैं कि यह सब अब खत्म होना चाहिए।
बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को पाकिस्तान की आवाम को संबोधित किया था और दावा करते हुए कहा कि भारत पुलवामा हमले के लिए बिना किसी ठोस सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है।
हालांकि, इमरान खान के बयान के बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ा है कि उनका प्रसारित हुआ वीडियो करीब 20 से अधिक बार एडिट किया गया और उसके बाद पाक सरकार की ओर से जारी किया गया। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सेना की अनुमति के बिना यह वीडियो रिलीज नहीं किया है।