पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का 'मिशन कश्मीर' फेल हो गया है। उन्होंने मंगलवार को निराशा व्यक्त करते हुए अपनी हार स्वीकार कर ली। इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सच कहूं तो मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से थोड़ा निराश हूं।
इमरान ने आरोप लगाया कि अगर 80 लाख यूरोपियन, जेविस या अमेरिकन घरों में कैद होते तो वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रिया दूसरी होती। उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी पर कश्मीर से प्रतिबंध हटाने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है।'
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जब इमरान से पूछा गया कि अगर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय प्रतिक्रिया नहीं देता तो उनके पास क्या रास्ते हैं? इस सवाल के जवाब में इमरान खान ने कहा, 'भारत पर हमले के अलावा और क्या विकल्प हो सकता है। हम लड़ाई शुरू करने से पहले मामले के मामले को सुलझाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।'
'मिशन कश्मीर' के तहत इमरान खान और उनके प्रतिनिधि मंडल ने कमोबेश हर राष्ट्र प्रमुख से मुलाकात और फोरम में कश्मीर का मुद्दा उठाया। लेकिन सिर्फ ट्रंप ने उनके आमंत्रण पर मध्यस्थता की बात कही। अन्य देशों ने उनकी बात पर ज्यादा तवज्जो नहीं दी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर ट्रंप और खान ने सोमवार को मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्ते, कश्मीर मुद्दे तथा लड़खड़ाती अफगान शांति प्रक्रिया पर चर्चा की।
भारत सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने से नाराज पाकिस्तानी मीडिया ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान घाटी की स्थिति को लेकर ट्रंप पर सवालों की बौछार कर दी।
जब पाकिस्तानी पत्रकार ने कश्मीर में स्थिति को लेकर सवाल किया तो राष्ट्रपति ने उसका मजाक उड़ाते हुए पूछा कि क्या वह खान की टीम के सदस्य हैं? अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘क्या आप उनकी (इमरान खान की) टीम में हैं? आप बयान दे रहे हैं सवाल नहीं पूछ रहे हैं।’’