इमरान खान ने मार्च के दूसरे दिन कहा, "सरकार इस बात को समझ ले, हम भी इंसान हैं, भेड़ नहीं हैं"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 29, 2022 05:22 PM2022-10-29T17:22:25+5:302022-10-29T17:27:26+5:30

इमरान खान ने लाहौर के शाहदरा में कहा कि सरकार ने विदेशी इशारे पर इस मुल्क को गुलाम बना लिया है और लोगों को अपने हक की सरकार चुनने की आजादी नहीं है।

Imran Khan said on the second day of March, "Government should understand that we are also human beings, not sheep" | इमरान खान ने मार्च के दूसरे दिन कहा, "सरकार इस बात को समझ ले, हम भी इंसान हैं, भेड़ नहीं हैं"

फाइल फोटो

Highlightsइमरान खान ने कहा कि हुकूमत को बस यही पैगाम देना चाहता हूं कि हम इंसान हैं, भेड़ नहींसरकार ने विदेशी इशारे पर मुल्क को गुलाम बना दिया है, लोगों को अपनी सरकार चुनने की आजादी नहीं हैविदेशी इशारों पर काम करने वाली इस सरकार को मुल्क की तरक्की से कोई लेनादेना नहीं है

लाहौर:पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के मुखिया और पूर्व प्राधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामाबाद मार्च के दूसरे दिन शाहदरा में शहबाज शरीफ सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आजाद लोग ही दुनिया पर राज करते हुए लेकिन मौजूदा सरकार ने विदेशी इशारे पर इस मुल्क को गुलाम बना लिया है और लोगों को अपने हक की सरकार चुनने की आजादी नहीं है।

पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने कार्यकार्ताओं की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आवाम की ओर से इस हुकूमत को बस एक ही पैगाम देना चाहता हूं कि हम भी इंसान हैं, भेड़ नहीं हैं।"

पार्टी द्वारा आयोजित लंबे मार्च के दूसरे दिन इमरान खान ने कहा कि आवाम को यह बात समझनी होगी कि उनकी आजादी इस मुल्क की तरक्की के लिए बहुत अहमियत रखती है। सरकार को हमारी मांगी के आगे झुकना होगा और आवाम की असल नुमाइंदगी उनकी चुनी हुई सरकार करेगी न कि विदेशी इशारों पर काम करने वाली ये सरकार जिसका इस मुल्क की तरक्की से कोई लेनादेना नहीं है।

इसके साथ ही पीटीआई चीफ इमरान खान ने पार्टी नेताओं शाहबाज गिल और आजम स्वाति को सरकार द्वारा कथित तौर पर प्रताड़ित करने का मुद्दा फिर से उठाया। उन्होंने कहा, "इस सरकार ने पहले शाहबाज गिल और फिर 75 साल की सीनेटर आजम स्वाति को प्रताड़ित किया। उन्होंने उम्र का भी ख्याल नहीं रखा, यह इस मुल्क के लिए बेहद शर्मिदगी है कि ऐसे लोग सत्ता पर काबिज हैं, जो झूठे आरोपों के आधार पर लोगों को प्राताड़ित करते हैं।"

वहीं इमरान खान के इस मार्च पर प्रधानमंत्री शहबाद शरीफ ने राजधानी इस्लामाबाद में कहा कि वो पीटीआई मार्च की समीक्षा कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक पीएम शरीफ ने इमरान की पार्टी द्वारा आयोजित मार्च से पैदा होने वाले हालात से निपटने के लिए एक समिति का भी गठन किया है।

बताया जा रहा है कि इस समिति में संघीय कैबिनेट के 13 सदस्य हैं। जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार सरकार ने कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए इस कमेटी का गठन किया है।

इमरान खान के इस मार्च के बारे में पीएम शहबाज शरीफ के अलावा सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मार्च रोकने के लिए पीटीआई प्रमुख इमरान खान के साथ किसी भी तरह की बातचीत नहीं की जाएगी।

मरियम ने इमरान पर हमला करते हुए कहा, "वह पारदर्शी चुनाव नहीं बल्कि देश में अराजकता और खून-खराबा चाहते हैं। इमरान खान का असली चेहरा, उनकी झूठ की राजनीति और नकली चरित्र का पर्दाफाश हो गया है।"

मालूम हो कि शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ पीटीआई प्रमुख इमरान खान लाहौर से इस्लामाबाद मार्च निकाल रहे हैं। इस मार्च का आगाज 28 अक्टूबर को लाहौर के लिबर्टी चौक से हुई। सरकार के खिलाफ इमरान खान का इस साल यह दूसरा लंबा मार्च है। यह मार्च 4 नवंबर को कमोंकी, गुजरांवाला, डस्का, सुम्ब्रियाल, लाला मूसा, खरियान, गुर्जर खान, रावलपिंडी से होते हुए इस्लामाबाद में दाखिल होगी।

Web Title: Imran Khan said on the second day of March, "Government should understand that we are also human beings, not sheep"

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